नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा दोनों देशों के बीच बदलते रिश्तों का प्रतीक बन गई है। कभी ‘इंडिया आउट’ का नारा देने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अब भारत को प्रमुख रणनीतिक और भरोसेमंद साझेदार बताते हुए संबंधों को नया आयाम देने की बात कही है। इस यात्रा के दौरान भारत और मालदीव के बीच आठ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें रक्षा, व्यापार, पर्यटन, डिजिटल साझेदारी और वित्तीय सहयोग जैसे अहम क्षेत्र शामिल हैं।
मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक घंटे से अधिक समय तक मंच साझा किया और पूरी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके बाद मुइज्जू ने मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें अद्भुत नेतृत्वकर्ता बताया और कहा कि भारत और मालदीव के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं, जिन्हें अब और भी गहराई दी जाएगी।
साल 2023 में जब मुइज्जू सत्ता में आए थे, तब उन्होंने चीन के साथ करीबी रिश्ते बनाए थे। उस समय उनकी सरकार के मंत्रियों द्वारा भारत और मोदी के खिलाफ कई आपत्तिजनक बयान सामने आए थे। जनवरी 2025 में मालदीव ने चीन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर भी हस्ताक्षर किया था। हालांकि मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए मुइज्जू की प्राथमिकता अब भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की है।
इस यात्रा के दौरान मुइज्जू ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए व्यक्तिगत रूप से एयरपोर्ट पहुंचकर मोदी का स्वागत किया। उन्होंने पीएम मोदी को विश्वसनीय मित्र बताया और कहा कि भारत की ओर से दी गई आर्थिक सहायता उनके देश की वित्तीय स्थिरता के लिए बेहद जरूरी है।
भारत ने मालदीव को 565 मिलियन डॉलर की नई ऋण सीमा उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इसके साथ ही मालदीव के वार्षिक ऋण भुगतान में 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है। मालदीव इस समय भारी बजट घाटे और घटते विदेशी मुद्रा भंडार की गंभीर चुनौती से जूझ रहा है।
मुइज्जू ने यह भी कहा कि वह जल्द ही भारत का दौरा करेंगे और दोनों देशों के बीच व्यापार, संपर्क और पर्यटन को नई गति देंगे। उन्होंने माना कि भारत मालदीव के लिए एक प्रमुख पर्यटन बाजार है और पीएम मोदी की यात्रा से इस क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
विश्लेषकों का मानना है कि मुइज्जू की सोच अब प्रगति और व्यावहारिकता पर आधारित है। वह देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए भारत जैसे पड़ोसी के साथ मजबूत सहयोग को नजरअंदाज नहीं कर सकते। मुइज्जू ने यह भी कहा कि उन्हें भरोसा है कि इस यात्रा से दोनों देशों की जनता के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान को नई दिशा मिलेगी।