इस्लामाबाद: पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के प्रमुख और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत-पाक संबंधों पर एक साक्षात्कार में कहा कि यदि भारत सहयोग करता है तो पाकिस्तान “चिंता पैदा करने वाले लोगों”, जिनमें आतंकवादी भी शामिल हैं, के प्रत्यर्पण में कोई आपत्ति नहीं करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के मसले पर भारत के साथ सहयोग करने को तैयार है, बशर्ते प्रक्रिया को लेकर जरूरी तत्वों का पालन हो।
बिलावल ने बताया कि भारत के साथ व्यापक संवाद का हिस्सा बनते हुए यदि आतंकवाद जैसे मामलों में सहयोग मांगा जाए, तो पाकिस्तान आपत्ति नहीं जताएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर जैसे व्यक्तियों पर फिलहाल आतंकी वित्तपोषण जैसे आंतरिक मामलों में कार्रवाई चल रही है। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सीमा पार आतंकवाद को लेकर अभियोजन में बाधा इसलिए आती है क्योंकि भारत अपेक्षित सहयोग नहीं करता।
बिलावल का कहना है कि पाकिस्तान की अदालतों में भारत के गवाहों की गवाही आवश्यक है, और यदि भारत इस कानूनी प्रक्रिया में हिस्सा ले, तो प्रत्यर्पण में कोई अड़चन नहीं रहेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हाफिज सईद वर्तमान में सजा काट रहा है और वह आजाद नहीं है, जबकि मसूद अजहर पाकिस्तान की जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान में है। उन्होंने कहा कि अगर भारत यह साबित कर दे कि अजहर पाकिस्तान में है, तो उसे गिरफ्तार करने में संकोच नहीं किया जाएगा।
भारत ने बिलावल के दावों को खारिज करते हुए पहले ही स्पष्ट किया है कि 26/11 मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान को 1,000 से अधिक डोजियर सौंपे गए हैं, जिनमें पाकिस्तान स्थित आतंकियों की संलिप्तता के विश्वसनीय प्रमाण मौजूद हैं। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान अब तक कागजी प्रक्रिया का हवाला देते हुए ठोस कार्रवाई से बचता रहा है।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन प्रतिबंधित हैं। हाफिज सईद को आतंकी वित्तपोषण के मामलों में 33 वर्षों की सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित किया गया है।
बिलावल भुट्टो ने भारत के आतंकवाद पर सख्त रुख को “नया असामान्य” करार देते हुए चेतावनी दी कि इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है तथा यह संबंधों के सामान्यीकरण की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचा सकता है।