ढाका, बांग्लादेश: बांग्लादेश में एक बार फिर से राजनीतिक अस्थिरता के चलते हिंसक प्रदर्शन तेज हो गए हैं। इस बार प्रदर्शनकारी सीधे तौर पर राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाने की मांग कर रहे हैं। राजधानी ढाका में मंगलवार देर रात प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन बंगभवन का घेराव कर लिया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। हालात को काबू में रखने के लिए सेना को तैनात करना पड़ा।
राष्ट्रपति भवन के बाहर तनावपूर्ण माहौल
प्रदर्शनकारियों ने बंगभवन के बाहर राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और उनके इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे, जिससे कई लोग घायल हो गए।
राष्ट्रपति शहाबुद्दीन पर इस्तीफे का दबाव
प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले छात्र संगठनों ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिया है। विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रति पक्षपाती हैं और उन्होंने हसीना के इस्तीफे को लेकर जनता के साथ धोखा किया है। शहाबुद्दीन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह दर्शाए कि शेख हसीना ने अगस्त 2024 में बड़े पैमाने पर हुए छात्र विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प के बाद हालात तनावपूर्ण बने रहे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए, लेकिन उग्र भीड़ ने उन्हें हटाने की कोशिश की। स्थिति बेकाबू होने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में घायल हुए कई लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शेख हसीना सरकार के खिलाफ विरोध
यह विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अस्थिरता और असंतोष का परिणाम है। पिछले कुछ महीनों से छात्र संगठन, शेख हसीना सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के लिए चलाए जा रहे आंदोलनों के बीच राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के बयानों ने विवाद को और बढ़ा दिया है।
केंद्रीय शहीद मीनार के पास हुए एक अन्य विरोध प्रदर्शन में भी शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे जनता के साथ विश्वासघात हुआ है।