Friday, June 20, 2025
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 116वें एपिसोड में युवाओं और एनसीसी की महत्ता पर दिया जोर

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 116वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) से जुड़ने की अपील की और एनसीसी दिवस की महत्ता को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं खुद एनसीसी का कैडेट रहा हूं, और इसके अनुभव मेरे लिए बेहद अनमोल हैं। एनसीसी न केवल अनुशासन और नेतृत्व कौशल विकसित करती है, बल्कि युवाओं में सेवा की भावना भी पैदा करती है।”

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि आपदा के समय एनसीसी कैडेटों की भूमिका हमेशा अग्रणी रहती है। उन्होंने देश के युवाओं से एनसीसी में शामिल होकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।

युवा दिवस पर ‘यंग लीडर्स डायलॉग’ का आयोजन

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में बताया कि हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। अगले वर्ष उनकी 162वीं जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत 11 और 12 जनवरी को दिल्ली के भारत मंडपम में ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ का आयोजन होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने लाल किले की प्राचीर से उन युवाओं को राजनीति में आने का आह्वान किया है जिनके परिवार का कोई सदस्य राजनीति में नहीं है। इसके तहत एक लाख युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे।”

बुजुर्गों की मदद के लिए व्यक्तियों की सराहना

प्रधानमंत्री ने लखनऊ के वीरेंद्र और भोपाल के महेश की तारीफ की, जो तकनीक के माध्यम से बुजुर्गों की मदद कर रहे हैं। वीरेंद्र डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट तैयार करने में बुजुर्गों की सहायता कर रहे हैं, जिससे उन्हें पेंशन प्राप्त करने में सुविधा मिल रही है। वहीं, महेश बुजुर्गों को मोबाइल से डिजिटल पेमेंट करना सिखा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने चेन्नई की प्रकृत अरिवगम और बिहार के गोपालगंज की ‘प्रयोग लाइब्रेरी’ की भी प्रशंसा की। इन प्रयासों के जरिए बच्चों में पढ़ाई और सीखने की आदत को बढ़ावा दिया जा रहा है।

विदेशों में भारतीयों का योगदान

प्रधानमंत्री ने कैरेबियाई देश गुयाना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां मिनी भारत बसता है। सैकड़ों वर्षों पहले भारत से श्रमिकों को खेती और मजदूरी के लिए गुयाना ले जाया गया था। आज वहां भारतीय मूल के लोग राजनीति, व्यापार, शिक्षा और संस्कृति के हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रहे हैं।

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