पाकिस्तान: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में 28 निर्दोष भारतीय पर्यटकों की जान चली गई थी। जांच में हमले का सीधा पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आने के बाद भारत ने सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को समाप्त कर पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति रोक दी है। इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट का माहौल है।
पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी का उग्र बयान
पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने भारत को गीदड़ भभकी देते हुए कहा है,
“अगर भारत ने हमारा पानी बंद किया तो हम जंग के लिए तैयार हैं। हमने गौरी, शाहीन, गजनवी जैसी मिसाइलें और 130 परमाणु हथियार सिर्फ भारत के लिए रखे हैं। इनका रुख भारत की तरफ है।”
अब्बासी ने यह भी घोषणा की कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों को अब पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के अधीन कर दिया गया है, ताकि युद्ध की स्थिति में सैन्य सामग्री के परिवहन में कोई देरी न हो।

पाकिस्तान रेलवे सेना के नियंत्रण में
रेल मंत्री हनीफ अब्बासी के अनुसार, पाकिस्तान के सभी रेलवे स्टेशनों पर सैनिक डेस्क स्थापित कर दिए गए हैं। पूरा लॉजिस्टिक्स सिस्टम अब सेना के आदेशानुसार संचालित होगा।
अब्बासी ने कहा:
“हमारे अधिकारी पूरी तरह से तैयार हैं और सेना के निर्देश पर तत्काल कार्यवाही कर सकते हैं। टैंक, भारी हथियार और सैन्य उपकरण अब सीधे रेलवे नेटवर्क के जरिये स्थानांतरित किए जाएंगे।”
यह कदम पाकिस्तान की युद्ध जैसी तैयारियों की पुष्टि करता है, जिससे दक्षिण एशिया में गंभीर क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंका पैदा हो गई है।
भारत का करारा जवाब: सिंधु जल संधि समाप्त, पाक उच्चायोग में कटौती
भारत ने 1960 में हुए सिंधु जल संधि को एकतरफा खत्म करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसके तहत पाकिस्तान को जाने वाला पानी अब पूरी तरह से रोक दिया गया है। जल संसाधन मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब अपनी नदियों का जल स्वयं उपयोग करेगा।
इसके साथ ही भारत सरकार ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त से कई अधिकारियों को भारत छोड़ने का आदेश भी जारी किया है, जो दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में कटौती का स्पष्ट संकेत है।

पाकिस्तान का पलटवार: एयरस्पेस बंद और शिमला समझौता रद्द
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ प्रतिशोधी कदम उठाते हुए अपने एयरस्पेस को भारत के लिए बंद कर दिया है। साथ ही 1972 के ऐतिहासिक शिमला समझौते को भी रद्द करने की घोषणा की है।
यह समझौता भारत-पाक युद्ध के बाद शांति स्थापित करने के उद्देश्य से हुआ था, जिसे अब समाप्त करना दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का गंभीर संकेत है।
क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंका बढ़ी
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव न केवल दक्षिण एशिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। परमाणु हथियारों की धमकी और कूटनीतिक संबंधों में कटौती जैसी घटनाएं इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खतरा बन सकती हैं।