मॉस्को: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के विशेष सहायक सैयद तारिक फातिमी ने किया। प्रतिनिधिमंडल ने मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और प्रधानमंत्री शरीफ का एक व्यक्तिगत पत्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सौंपा। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS ने पाकिस्तानी दूतावास के हवाले से इस पत्र सौंपे जाने की पुष्टि की है।
दक्षिण एशिया की स्थिति पर दी गई जानकारी
रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक के दौरान पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण एशिया में तेजी से बदलते राजनीतिक और सैन्य हालात की जानकारी लावरोव को दी। सैयद तारिक फातिमी ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए रूस की भूमिका को अहम बताया। लावरोव ने जवाब में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने और विश्वास बहाली के लिए प्रत्यक्ष संवाद आवश्यक है। उन्होंने कहा, “संवाद ही विश्वास निर्माण का रास्ता है।”

रूस से रणनीतिक सहयोग बढ़ाने की मंशा
बैठक में पाकिस्तान की ओर से ऊर्जा, परिवहन और व्यापार जैसे क्षेत्रों में रूस के साथ द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूती देने की इच्छा जताई गई। प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की शुभकामनाएं राष्ट्रपति पुतिन तक पहुंचाने के साथ-साथ फातिमी ने रूस के साथ सामरिक साझेदारी की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालात अत्यंत तनावपूर्ण बने हुए हैं। 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में कई निर्दोष पर्यटक मारे गए थे। भारत ने इसके बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया, जिसे भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया। बाद में 10 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ (मिलिट्री ऑपरेशंस के महानिदेशक) के बीच हॉटलाइन पर बातचीत के बाद यह सहमति बनी कि सीमा पर सैन्य कार्रवाइयों को रोका जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की पाक रणनीति
पाकिस्तान ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह विशेषज्ञों की कई टीमों को दुनिया के प्रमुख देशों में भेजेगा ताकि भारत के साथ हुए चार दिवसीय संघर्ष और अपनी स्थिति को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष रख सके। मॉस्को यात्रा को पाकिस्तान की इस कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पाकिस्तान इस दौरे के ज़रिए रूस से न केवल कूटनीतिक समर्थन प्राप्त करना चाहता है, बल्कि भारत के खिलाफ एक वैश्विक नैरेटिव तैयार करने की भी कोशिश कर रहा है।
भारत की तरफ से भी कूटनीतिक सक्रियता
भारत ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए कदम उठाए हैं। हाल ही में डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल रूस की यात्रा पर गया था। प्रतिनिधियों ने वहां पाक प्रायोजित आतंकवाद से उत्पन्न खतरे और भारत की सुरक्षा चिंताओं से रूसी अधिकारियों को अवगत कराया।