इस्लामाबाद, पाकिस्तान: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंसा लगातार बढ़ रही है। आजादी की मांग को दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई तेज हो गई है। शनिवार को कलात जिले के मंगोचर इलाके में अज्ञात हथियारबंद हमलावरों ने चार पंजाबी मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी।
इफ्तार के समय हुआ हमला
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इफ्तार के समय मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने मजदूरों पर हमला किया। मारे गए मजदूरों की पहचान जीशान, खालिद, दिलावर हुसैन और मुहम्मद अमीन के रूप में हुई है। ये सभी सादिकाबाद, पंजाब के निवासी थे और एक स्थानीय जमींदार के लिए ट्यूबवेल खोदने का काम कर रहे थे। हमलावर वारदात के बाद मौके से फरार हो गए। पुलिस और बचाव दल ने शवों को स्थानीय अस्पताल में पहुंचाया।

बलूच यकजेहती कमेटी पर कार्रवाई
इसके अलावा, बलूचिस्तान में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में भी तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बलूच यकजेहती कमेटी (BYC) के नेताओं और उनके समर्थकों के खिलाफ हिंसा भड़काने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिस पर हमले के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। क्वेटा पुलिस कमिश्नर ने बताया कि 21 मार्च को जाफर एक्सप्रेस अभियान के दौरान मारे गए बलोच विद्रोहियों के शवों की वापसी की मांग को लेकर BYC ने विरोध प्रदर्शन किया था, जो हिंसक हो गया।
हथियारबंद प्रदर्शनकारियों ने की फायरिंग
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों के हथियारबंद साथियों ने पुलिस पर गोलीबारी की और पथराव किया। इस दौरान एक अफगान नागरिक सहित तीन लोगों की मौत हो गई। बाद में प्रदर्शनकारियों ने शवों को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने मृतकों के परिजनों के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए शवों को वापस ले लिया और परिजनों को सौंप दिया।

पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई और बलोचिस्तान में दमन
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 11 मार्च को बलूचिस्तान के क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर बोलान इलाके में हमला हुआ था। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बलोच कैदियों की रिहाई की मांग की थी। पाकिस्तानी सेना ने 13 मार्च को जवाबी सैन्य कार्रवाई करते हुए 33 विद्रोहियों को मारने का दावा किया।
BLA ने हालांकि यह आरोप लगाया कि इस हमले में 214 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि उनके 12 लड़ाके शहीद हुए। दोनों पक्षों के दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पाई है। इसके बाद से पाकिस्तानी सेना ने बलोच नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी। 21 मार्च को सेना ने महिलाओं और बच्चों समेत पांच बलोच नागरिकों को मार डाला।