नई दिल्ली: मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए अब एक नया और उन्नत अवसर उपलब्ध होगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने देश के 19 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) सहित सभी केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों को एक नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने की पहल की है। इसके तहत छात्रों को 3डी एनिमेशन और एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) की मदद से मरीजों की बीमारियों और मानव शरीर की संरचना के बारे में पढ़ाया जाएगा। यह तकनीकी पहल देश में चिकित्सा शिक्षा को स्मार्ट क्लासरूम की तरह उन्नत बनाएगी।
दिल्ली एम्स बनेगा नोडल केंद्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसने चिकित्सा शिक्षा में सुधार हेतु सिफारिशें दी हैं। इसके तहत दिल्ली एम्स को नोडल केंद्र बनाया जाएगा, जहां ई-लर्निंग से संबंधित पाठ्य सामग्री एकत्र की जाएगी और इसे देश भर के अन्य केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों तक पहुँचाया जाएगा।
इस योजना का लाभ देश के 19 एम्स के अलावा चंडीगढ़ के पीजीआई, बंगलूरू स्थित निम्हांस, पांडिचेरी के जेआईपीएमईआर, दिल्ली के सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज सहित 50 केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों को मिलेगा। इन संस्थानों में 3डी एनिमेशन और एआई के जरिये चिकित्सा पाठ्यक्रम की डिजिटल पढ़ाई की जाएगी, जिससे छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त होगी।
एम्स और केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों की सूची में विस्तार
देश में फिलहाल 22 एम्स हैं, जिनमें से 6 पूरी तरह से कार्यरत हैं और 12 एम्स में ओपीडी के साथ-साथ पढ़ाई भी चल रही है। मदुरै स्थित एम्स में भी एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। इस नए नेटवर्क का फायदा देश के 19 एम्स को मिलेगा, जो इस फैसले के तहत शामिल किए गए हैं।
विश्व स्तरीय चिकित्सा शिक्षा की पहल
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, चिकित्सा शिक्षा को विश्व स्तरीय बनाने के लिए यह कदम काफी समय से विचाराधीन था। हाल ही में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) द्वारा भी चिकित्सा के पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए हैं, जिससे शिक्षा के मानकों में सुधार हो सके।
समिति की सिफारिशों में 3डी एनिमेशन और एआई का उपयोग
केंद्र सरकार ने इस बदलाव को लागू करने के लिए संयुक्त सचिव पुष्पेंद्र राजपूत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया, जिसने विभिन्न बैठकों के बाद 80 पन्नों की सिफारिश सौंपी। इस सिफारिश में चिकित्सा शिक्षा को डिजिटल करने पर जोर दिया गया है, ताकि देश के सभी केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों में एकसाथ डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कराई जा सके।
इस योजना के तहत, अगले 2-3 वर्षों में देश के सभी 50 केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों में 3डी एनिमेशन और एआई आधारित शिक्षण तकनीक विकसित की जाएगी, जिससे सभी संस्थान एक-दूसरे से जुड़ सकेंगे और छात्र उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।