नई दिल्ली: सर्दियों की शुरुआत के साथ ही राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। पराली जलाने की घटनाओं के चलते दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ हो गई है, और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) प्रतिदिन 400 से अधिक दर्ज किया जा रहा है। रविवार को AQI 500 के पार पहुंचने के कारण हालात और गंभीर हो गए हैं। वायु प्रदूषण का यह खतरनाक स्तर दिल्ली और आसपास के इलाकों में रह रहे लोगों की सेहत पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
दिवाली के बाद प्रदूषण में तेज बढ़ोतरी, सुबह 5:30 बजे AQI पहुंचा 507
दिवाली के दो दिन बाद से ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट का रुझान देखने को मिला है। रविवार की सुबह घने धुंध के साथ हुई, जहां सुबह 5:30 बजे AQI का स्तर 507 पर दर्ज किया गया, जो कि रात के 327 के आंकड़े से महज 12 घंटे में काफी बढ़ गया।
WHO की मानक सीमा से 65 गुना अधिक प्रदूषण
आईक्यूआर वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में इस समय PM2.5 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तय सीमा से 65 गुना अधिक हो चुका है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के मानकों के अनुसार, 200-300 पर ‘खराब’, 301-400 पर ‘बहुत खराब’, और 401-450 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है, जबकि 450 से अधिक AQI को ‘गंभीर प्लस’ माना जाता है।
विभिन्न इलाकों में AQI का हाल
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के डेटा के मुताबिक, राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में AQI में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। शनिवार रात 9 बजे दिल्ली का औसत AQI 327 था, जो रविवार सुबह 5 बजे तक बढ़कर 507 हो गया। दिल्ली के अलीपुर, आनंद विहार, अशोक विहार, आया नगर, बवाना, बुराड़ी, मथुरा रोड, IGI एयरपोर्ट, द्वारका, जहांगीरपुरी, मुंडका, नरेला, पटपड़गंज, रोहिणी, शादीपुर, सोनिया विहार, वजीरपुर, मंदिर मार्ग, नेहरू नगर, नजफगढ़ और अन्य मौसम-निगरानी स्टेशनों पर हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ स्थिति में रही।
स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्थिति, बच्चों और बुजुर्गों को अधिक खतरा
राजधानी में तेजी से बढ़ते प्रदूषण स्तर का असर सबसे अधिक बच्चों, बुजुर्गों और श्वास संबंधी रोगियों पर पड़ने की आशंका है। वायु गुणवत्ता में गिरावट से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति में अधिक समय तक बाहर रहने से बचना चाहिए और मास्क का उपयोग करना चाहिए।