वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क द्वारा ‘अमेरिका पार्टी’ नाम से नई राजनीतिक पार्टी बनाए जाने की योजना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने मस्क की इस घोषणा को मजाकिया, भ्रमित करने वाली और असफल होने वाला कदम बताया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अमेरिका की दो-पक्षीय राजनीतिक व्यवस्था ही सबसे कारगर रही है और तीसरी पार्टी की कोई आवश्यकता नहीं है।
ट्रंप ने एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मस्क इस कदम से चाहे जितना मजा लें, लेकिन यह विचार पूरी तरह से व्यर्थ और मूर्खतापूर्ण है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राजनीति का इतिहास गवाह है कि तीसरी पार्टी कभी सफल नहीं हो पाई है।
एलन मस्क ने हाल ही में ‘अमेरिका पार्टी’ की घोषणा करते हुए ट्रंप की बजट नीति और टैक्स कटौती के प्रस्ताव की आलोचना की थी। उन्होंने इन नीतियों को देश के लिए नुकसानदायक बताया और कहा कि उनकी पार्टी 2026 के मध्यावधि चुनावों में रिपब्लिकन उम्मीदवारों को सीधी चुनौती देगी।
मस्क और ट्रंप के बीच यह राजनीतिक मतभेद सिर्फ राजनीतिक दायरे में ही नहीं सिमटा रहा, बल्कि इसका असर अब मस्क की कारोबारी छवि और उनकी कंपनियों पर भी देखने को मिल रहा है। निवेश प्रबंधन फर्म Azoria Partners ने मस्क की कंपनी टेस्ला से जुड़ा नया ETF लॉन्च करने की योजना स्थगित कर दी है। फर्म के सीईओ जेम्स फिशबैक ने कहा कि मस्क की राजनीति में बढ़ती रुचि और उनकी सीईओ भूमिका के बीच टकराव पैदा हो गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मस्क की राजनीतिक योजनाओं को लेकर स्पष्टता की आवश्यकता है क्योंकि इससे टेस्ला के संचालन पर असर पड़ सकता है।
इसी बीच डेमोक्रेटिक पार्टी ने ट्रंप और मस्क के बीच बढ़ते तनाव को अपने लिए राजनीतिक अवसर बताया है। डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के प्रवक्ता अभि रहमान ने कहा कि ट्रंप की एमएजीए विचारधारा और बजट प्रस्तावों ने पार्टी में फूट पैदा कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि रिपब्लिकन अब अपनी असफल नीतियों के लिए दूसरों पर दोष मढ़ रहे हैं।
ट्रंप के बजट बिल के तहत ग्रीन एनर्जी टैक्स क्रेडिट को समाप्त कर दिया गया है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता टेस्ला को सीधा आर्थिक झटका लग सकता है। इसके अलावा ट्रंप ने चेतावनी दी है कि टेस्ला और स्पेसएक्स को दी जा रही सरकारी सब्सिडी और अनुबंधों पर भी सरकार पुनर्विचार कर सकती है।
राजनीति और व्यापार के इस टकराव ने अमेरिकी सत्ता और कॉरपोरेट संरचना के बीच जटिल संबंधों को एक बार फिर उजागर कर दिया है, जिससे आने वाले महीनों में राजनीति के साथ-साथ व्यापारिक समीकरणों में भी बदलाव की संभावना है।