झुंझुनूं: चिड़ावा निवासी संजय को अपनी ही नाबालिग बेटी नीतू की हत्या और पत्नी सरोज व बेटे विक्रम पर लोहे की रॉड से जानलेवा हमला करने के मामले में अपर सेशन न्यायाधीश संख्या एक की अदालत ने उम्रकैद और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
चिड़ावा में दर्दनाक घटना, जयपुर में इलाज के दौरान हुई बेटी की मौत
अदालत में प्रस्तुत अभियोजन पक्ष की जानकारी के अनुसार आरोपी संजय निवासी वार्ड नंबर 13, लोहिया स्कूल के पास ने 13 जून 2020 की सुबह घर में ही पत्नी सरोज, बेटी नीतू और पुत्र विक्रम पर अचानक लोहे की रॉड से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल नीतू और सरोज को पहले चिड़ावा और फिर झुंझुनूं से जयपुर रेफर किया गया। इलाज के दौरान नीतू ने दम तोड़ दिया, जबकि सरोज और विक्रम गंभीर चोटों से जूझते रहे।
नाना ताराचंद ने चिड़ावा थाने में दी थी लिखित रिपोर्ट
मृतका नीतू के नाना ताराचंद ने चिड़ावा थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि संजय ने घरेलू विवाद के दौरान इस वारदात को अंजाम दिया। एफआईआर में बताया गया कि पीड़ितों के सिर पर गंभीर चोटें थीं और उनकी हालत नाजुक होने पर डॉक्टर ने बयान देने लायक नहीं बताया था।
रिपोर्ट और मेडिकल मुआयने के आधार पर पुलिस ने मामले में हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी, जिसकी तफतीश के दौरान संजय को गिरफ्तार किया गया।
अदालत ने अपराध को बताया समाज के लिए शर्मनाक
अपर सेशन न्यायाधीश संख्या एक, झुंझुनूं की अदालत ने कहा कि पिता द्वारा बेटी की हत्या और परिवार पर हमला समाज के लिए अत्यंत अमानवीय अपराध है। अदालत ने सजा को आवश्यक और न्यायसंगत करार दिया।
परिवादी पक्ष की ओर से की गई मजबूती से पैरवी
इस मामले में मृतका के नाना ताराचंद की तरफ़ से एडवोकेट लोकेश शर्मा और एडवोकेट सोनू तामड़ायत ने पैरवी की। अभियोजन पक्ष ने संजय के खिलाफ सभी गवाहियों और प्रमाणों के आधार पर मजबूत केस प्रस्तुत किया।




