Sunday, June 29, 2025
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कांग्रेस के नए दफ्तर के बाहर ‘सरदार मनमोहन सिंह भवन’ के पोस्टर, इंदिरा भवन का नाम बदलने की उठी मांग

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने राजधानी दिल्ली में अपने नए पार्टी मुख्यालय का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी भी मौजूद थे। सोनिया गांधी ने नए मुख्यालय का उद्घाटन किया और इसे पार्टी के आगामी दिशा-निर्देशों का प्रतीक बताया।

कांग्रेस का नया मुख्यालय: बेहतरीन आधुनिक सुविधाओं से लैस

कांग्रेस पार्टी का नया मुख्यालय अब दिल्ली के कोटला मार्ग पर स्थित 9-ए इंदिरा गांधी भवन में है। पहले कांग्रेस का मुख्यालय लुटियंस बंगला जोन में 24 अकबर रोड पर था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजनीतिक दलों को इस क्षेत्र से बाहर शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए थे। इसके परिणामस्वरूप, 2005-06 में दीनदयाल उपाध्याय मार्ग के पास राजनीतिक दलों को कार्यालयों के लिए भूमि आवंटित की गई थी, और कांग्रेस का नया कार्यालय अब इसी क्षेत्र में स्थित है।

सोनिया गांधी ने इस नई इमारत की आधारशिला 28 दिसंबर 2009 को रखी थी। नया मुख्यालय आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित है और इसमें पार्टी के विभिन्न कार्यों के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध हैं।

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नये मुख्यालय की विशेषताएँ

कांग्रेस के नए मुख्यालय की डिज़ाइन और संरचना को लेकर कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया गया है। बिल्डिंग के केंद्र में एक विशाल रिसेप्शन क्षेत्र है। ग्राउंड फ्लोर पर बाईं ओर हाई-टेक प्रेस कॉन्फ्रेंस रूम और कांग्रेस के मीडिया प्रभारी का दफ्तर स्थित होगा।

पहली मंजिल पर एक अत्याधुनिक ऑडिटोरियम बनाया गया है, जो पार्टी के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए उपयुक्त है। वहीं दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिलों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अधिकारियों के दफ्तर होंगे। विशेष तौर पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के लिए अलग-अलग दफ्तर बनाए गए हैं, जो उनके कार्यों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किए गए हैं।

कांग्रेस के प्रवक्ताओं के लिए साउंडप्रूफ चैंबर बनाए गए हैं, ताकि वे टीवी डिबेट में भाग लेते समय किसी प्रकार की विघ्न न हो। इसके अलावा, पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए विभिन्न विभागों के रूम भी विशेष रूप से तैयार किए गए हैं, जैसे किसान विभाग और डेटा विभाग के अलग-अलग कमरे।

नई इमारत में पार्टी के कई पुराने नेताओं की तस्वीरें भी लगाई गई हैं, जिनमें से कुछ नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। इसे प्रियंका गांधी के विचारों के तहत साकार किया गया है।

सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ में नये मुख्यालय का महत्व

नए मुख्यालय के उद्घाटन के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने अपने इतिहास और भविष्य को जोड़ने का प्रयास किया है। कांग्रेस के इस नए दफ्तर में न केवल संगठनात्मक बदलाव की झलक मिलती है, बल्कि यह पार्टी की एकता और समृद्ध इतिहास का भी प्रतीक है।

नई इमारत का उद्घाटन उस समय हुआ है, जब पार्टी को एक मजबूत और आधुनिक नेतृत्व की आवश्यकता महसूस हो रही है। सोनिया गांधी ने इस अवसर पर कहा कि यह मुख्यालय कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को प्रेरित करेगा और पार्टी को अपने उद्देश्यों की ओर मजबूती से आगे बढ़ने में सहायता करेगा।

‘इंदिरा भवन’ से ‘सरदार मनमोहन सिंह भवन’ नाम परिवर्तन की मांग

उद्घाटन के साथ ही कांग्रेस के नए मुख्यालय को लेकर एक विवाद भी उत्पन्न हो गया है। कुछ वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता इस मुख्यालय का नाम ‘इंदिरा भवन’ से बदलकर ‘सरदार मनमोहन सिंह भवन’ करने की मांग कर रहे हैं। इसके समर्थन में मुख्यालय के बाहर एक पोस्टर भी लगाया गया है, जो इस नाम परिवर्तन की मांग को प्रदर्शित करता है। इस मुद्दे ने पार्टी के भीतर एक नई चर्चा को जन्म दिया है, जिसके बारे में भविष्य में और अधिक जानकारी मिल सकती है।

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