इजरायल: इजरायल-हमास युद्ध के चलते इजरायल में श्रमिकों की भारी कमी हो गई है। इजरायल की कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री, जो पहले फिलिस्तीनी श्रमिकों पर निर्भर थी, अब युद्ध की वजह से संकट में है। इस कमी को पूरा करने के लिए इजरायल ने भारत से मदद मांगी है। इजरायल के लिए काम करने वाले भारतीय श्रमिकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और अब एक बार फिर इजरायल ने भारत से बड़ी संख्या में कुशल श्रमिकों की भर्ती का अभियान शुरू किया है।
इजरायल को भारत से चाहिए 10,000 कुशल श्रमिक
इजरायल को इस समय 10,000 कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है, जिनकी भर्ती के लिए पुणे स्थित इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में प्रक्रिया चल रही है। यह भर्ती अभियान 25 सितंबर तक जारी रहेगा। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, यह प्रक्रिया ठीक उसी प्रकार से संचालित हो रही है जैसे इस साल की शुरुआत में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में इजरायली श्रमिकों की भर्ती की गई थी।
इजरायल में 5,000 से अधिक भारतीय श्रमिक तैनात
अधिकारियों ने जानकारी दी कि अब तक लगभग 4,800 भारतीय श्रमिकों को इजरायल में काम के लिए भेजा जा चुका है। इन श्रमिकों को प्रति माह लगभग ₹1.32 लाख का वेतन और ₹16,000 का मासिक बोनस भी मिलता है। हाल ही में 18 सितंबर को 1,500 श्रमिकों का नया जत्था इजरायल के लिए रवाना हुआ, जिससे इजरायल में भारतीय श्रमिकों की कुल संख्या 5,000 से अधिक हो गई है।
अतिरिक्त श्रमिकों की मांग
इजरायली रिक्रूटर्स ने इस भर्ती अभियान के दौरान अपने लक्ष्य का विस्तार करते हुए 10,000 और कैंडिडेट्स की मांग की है। इस बार फ्रेमवर्क, आयरन बेंडिंग, प्लास्टरिंग और सिरेमिक टाइलिंग में कुशल श्रमिकों की भर्ती की जा रही है।
इजरायली प्रतिनिधिमंडल की निगरानी
भर्ती प्रक्रिया की निगरानी के लिए 12 इजरायली अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल 16 सितंबर को भारत पहुंचा था। अधिकारियों ने बताया कि इस भर्ती अभियान का उद्देश्य इजरायल में बढ़ती श्रमिकों की मांग को पूरा करना है और भारतीय श्रमिकों को अंतरराष्ट्रीय करियर के अवसर प्रदान करना है।
नवंबर 2023 में हुए समझौते के बाद भर्ती अभियान
इजरायल में श्रमिकों की इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत और इजरायल के बीच नवंबर 2023 में एक समझौता हुआ था। इस समझौते के बाद से ही दोनों देशों के बीच श्रमिकों की भर्ती की प्रक्रिया तेज हो गई है।
युद्ध के बीच श्रमिकों की सुरक्षा पर चिंता
हालांकि, हमास के साथ चल रहे युद्ध के बीच इजरायल में काम करने जाने वाले भारतीय श्रमिकों को लेकर कुछ ट्रेड यूनियनों ने चिंता जताई है। आलोचकों का कहना है कि युद्ध के दौरान श्रमिकों को इजरायल भेजना जोखिम भरा है। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि सरकार को इन श्रमिकों की भलाई और सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए। इसके बावजूद, इजरायल में मिलने वाली मोटी सैलरी के चलते कई भारतीय श्रमिक इस अवसर को गंवाना नहीं चाहते और युद्ध के माहौल में भी वहां काम करने जा रहे हैं।