वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित टैक्स कटौती और व्यय से संबंधित विधेयक ने गुरुवार को कांग्रेस की अंतिम बाधा को पार करते हुए प्रतिनिधि सभा से मंजूरी प्राप्त कर ली। रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत वाली प्रतिनिधि सभा ने इस विधेयक को 218 के मुकाबले 214 मतों से पारित कर दिया, जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा गया। ट्रंप द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के साथ ही यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा।
‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ नाम से चर्चित यह विधेयक पिछले कई दिनों से अमेरिकी राजनीति और अर्थव्यवस्था में चर्चा का विषय बना हुआ था। विधेयक के जरिए सरकार सीमा सुरक्षा, सैन्य खर्च और सामूहिक निर्वासन जैसी नीतियों के लिए अतिरिक्त बजटीय प्रावधान करेगी। इसके साथ ही यह मेडिकेयर जैसे स्वास्थ्य कार्यक्रमों में बड़े पैमाने पर कटौती करेगा और हरित ऊर्जा से संबंधित कई योजनाओं को समाप्त कर देगा।
कराधान पर संयुक्त समिति के अनुसार, यह विधेयक आगामी दस वर्षों में अमेरिका के कुल राष्ट्रीय ऋण में लगभग 3.3 ट्रिलियन डॉलर की और वृद्धि करेगा, जिससे कुल ऋण भार 36.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसके अलावा यह विधेयक सरकार की आमदनी में 4.5 ट्रिलियन डॉलर की कमी करेगा और व्यय में लगभग 1.2 ट्रिलियन डॉलर की कटौती की जाएगी।
आलोचकों का मानना है कि यह विधेयक अल्पकालिक रूप से सरकार को ऋण चूक की स्थिति से बचा सकता है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से यह अमेरिका की आर्थिक स्थिरता को और अधिक नुकसान पहुंचाएगा। विशेष रूप से स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों में की जा रही कटौतियां सामाजिक स्तर पर असंतोष को जन्म दे सकती हैं।
इसी बीच, टैक्स विधेयक पर बहस के दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता हकीम जेफ्रीज ने प्रतिनिधि सभा के इतिहास में सबसे लंबा भाषण देकर रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने तड़के सुबह 4:53 बजे बोलना शुरू किया और दोपहर 1:38 बजे तक लगातार 8 घंटे 46 मिनट तक अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक न केवल आर्थिक असमानता को बढ़ावा देगा बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी आघात करेगा। जेफ्रीज ने कहा कि वर्तमान नेतृत्व देश को अराजकता, क्रूरता और भ्रष्टाचार की दिशा में ले जा रहा है, जबकि अमेरिका को इस समय न्याय, स्थिरता और पारदर्शिता की जरूरत है।
विधेयक पर अंतिम निर्णय राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद होगा। यदि यह कानून बनता है, तो इसके व्यापक प्रभाव अमेरिका की आंतरिक नीतियों के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक समीकरणों पर भी देखने को मिल सकते हैं।