नई दिल्ली: पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उत्पन्न हुए सैन्य तनाव को लेकर केंद्र सरकार अब संसदीय प्रक्रिया के तहत विपक्ष और अन्य सांसदों को विस्तृत जानकारी देने जा रही है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी आगामी 19 मई को विदेश मामलों की स्थायी समिति के समक्ष पेश होकर भारत-पाकिस्तान संबंधों, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और मौजूदा विदेश नीति कदमों पर जानकारी देंगे।

पृष्ठभूमि: पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर कायराना हमला किया, जिसमें 26 लोगों की निर्मम हत्या हुई थी। इस हमले की देशभर में व्यापक निंदा हुई और केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा हमला बताया।
इसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 6-7 मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया। भारत ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई पाकिस्तान की भूमि पर नहीं बल्कि आतंकी ढांचों पर केंद्रित थी।
भारत की जवाबी कार्रवाई और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारतीय सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने इसे सीधी युद्ध घोषणा मानते हुए ड्रोन और मिसाइल हमलों के जरिये भारत पर कई बार हमला करने का प्रयास किया, जिसे भारत के उन्नत डिफेंस सिस्टम ने विफल कर दिया। भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के चार महत्वपूर्ण एयरबेस को तबाह किया गया और उसके हाई-टेक फाइटर जेट भी मार गिराए गए।

इस सैन्य टकराव के बाद पाकिस्तान ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क कर सीजफायर की मांग की। इसके बाद 10 मई की शाम से दोनों देशों ने सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनाई।
संसदीय समिति को विदेश सचिव की प्रस्तुति
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, विदेश मामलों की स्थायी समिति को पहले ही सूचना दी जा चुकी है कि विदेश सचिव विक्रम मिसरी समिति के समक्ष पेश होकर ऑपरेशन सिंदूर, भारत की सैन्य रणनीति, पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और वर्तमान विदेश नीति के निर्णयों के बारे में जानकारी देंगे। यह बैठक आगामी रविवार, 19 मई 2025 को दिल्ली में आयोजित होगी।