रूस-यूक्रेन: रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को घोषणा की कि विक्ट्री डे (Victory Day) के अवसर पर आठ मई की मध्यरात्रि से 11 मई की मध्यरात्रि तक, यानी कुल 72 घंटों के लिए, रूस एकतरफा संघर्षविराम करेगा। इस अवधि में रूस की ओर से यूक्रेन पर कोई सैन्य हमला नहीं किया जाएगा।
क्रेमलिन द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस विशेष अवसर पर सभी रूसी सैन्य कार्रवाइयां निलंबित रहेंगी। पुतिन ने यूक्रेन से भी इसी तरह की पहल करने की उम्मीद जताई है। हालांकि, बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि यूक्रेनी पक्ष द्वारा संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया, तो रूसी सशस्त्र बल “पर्याप्त और प्रभावी प्रतिक्रिया” देंगे।

क्रेमलिन का आधिकारिक बयान
सोमवार को क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया,
“रूस, महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध में विजय की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर, मानवीय आधारों पर संघर्षविराम की घोषणा करता है। इस दौरान सभी सैन्य गतिविधियां रोक दी जाएंगी। हम यूक्रेनी पक्ष से भी इसी भावना का अनुसरण करने का आग्रह करते हैं। यदि संघर्षविराम का उल्लंघन होता है, तो रूस प्रभावी प्रतिक्रिया देने को बाध्य होगा।”
बयान में आगे कहा गया कि रूस बिना किसी पूर्व शर्त के शांति वार्ता के लिए तैयार है। उद्देश्य यूक्रेनी संकट के मूल कारणों का समाधान खोजना और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ रचनात्मक संवाद स्थापित करना है।
विक्ट्री डे समारोह की तैयारी
विक्ट्री डे, जो हर साल 9 मई को मनाया जाता है, द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ की जीत का प्रतीक है। इस बार मॉस्को के प्रसिद्ध रेड स्क्वायर पर आयोजित समारोह विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह युद्ध में विजय की 80वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। इस आयोजन को लेकर रूस में व्यापक तैयारियां चल रही हैं।

ईस्टर पर भी घोषित हुआ था युद्धविराम
गौरतलब है कि इससे पहले भी रूस ने इसी वर्ष ईस्टर संडे के अवसर पर एकतरफा संघर्षविराम की घोषणा की थी। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रेमलिन में अपने सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह निर्णय लिया था। उन्होंने कहा था कि मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए ईस्टर के मौके पर सैन्य गतिविधियां रोकी जाएंगी।
हालांकि, यूक्रेन ने आरोप लगाया था कि रूस ने युद्धविराम की घोषणा के बावजूद अगले दिन कीव समेत अन्य इलाकों पर हमले किए। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया था।