बिसाऊ, 19 मई 2025: महनसर रोड पर हुई कथित 14 लाख रुपये की लूट की गुत्थी को सुलझाते हुए बिसाऊ पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस मामले में पुलिस ने जिस व्यक्ति की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया था, वही व्यक्ति इस पूरी फर्जी लूट की योजना का मास्टरमाइंड निकला। पुलिस ने दो आरोपियों – वाहिद निवासी रामगढ़ शेखावाटी और अयान पठान निवासी हिंगोनिया (जयपुर) को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा आरोपी ताहिर पठान फिलहाल फरार है।
इस मामले में पुलिस ने वाहिद के कब्जे से 12 लाख रुपये की नकदी बरामद कर ली है। घटना के खुलासे में कांस्टेबल नरेंद्र की सतर्कता और सूझबूझ ने अहम भूमिका निभाई।

फर्जी लूट की पटकथा खुद रची थी परिवादी ने
कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक देवेंद्र राजावत ने बताया कि 6 मई को वाहिद नामक युवक ने बिसाऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उसने बताया था कि वह झुंझुनूं से 15 लाख रुपये लेकर रोडवेज बस से बिसाऊ पहुंचा। वहां उसने 1 लाख रुपये ई-मित्र केंद्र पर जमा कर दिए और शेष 14 लाख रुपये अपनी स्कूटी की डिग्गी में रखकर रामगढ़ रवाना हुआ। रास्ते में मीणा पेट्रोल पंप के पास बाइक सवार दो अज्ञात बदमाशों ने उसे पिस्टल दिखाकर उसकी स्कूटी, रुपये और मोबाइल छीन लिए।
पुलिस ने प्राथमिक जांच में मामला गम्भीर माना और तकनीकी व मानवीय संसाधनों की मदद से जांच शुरू की। लेकिन जब घटनास्थल, मोबाइल लोकेशन और वाहिद के बयानों में अंतर आया तो संदेह गहराया।
तकनीकी जांच में सामने आया सच
पुलिस अनुसंधान में सामने आया कि यह घटना कोई लूट नहीं, बल्कि पूर्व नियोजित साजिश थी। वाहिद ने अपने गांव के ताहिर पठान और जयपुर निवासी अयान पठान के साथ मिलकर यह नाटक रचा था। पूछताछ में अयान ने खुलासा किया कि वाहिद ने उसे और ताहिर को 2-2 लाख रुपये देने का लालच देकर योजना में शामिल किया। योजना के तहत वाहिद ने पहले से 12 लाख रुपये एक सुरक्षित स्थान पर छिपा दिए थे। शेष 2 लाख रुपये डिग्गी से निकालकर अयान और ताहिर फरार हो गए।
इसके बाद वे स्कूटी और मोबाइल को छोड़कर मांडवा, नवलगढ़, और उदयपुरवाटी होते हुए अपने गांव लौट गए ताकि घटना को असली लूट का रूप दिया जा सके।

गिरफ्तारियां और बरामदगी
बिसाऊ पुलिस ने अयान पठान को जयपुर जिले के जोबनेर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया जबकि वाहिद को रामगढ़ से हिरासत में लिया गया। पूछताछ में दोनों ने लूट की योजना स्वीकार कर ली। पुलिस ने वाहिद द्वारा छिपाए गए 12 लाख रुपये भी बरामद कर लिए हैं। तीसरा आरोपी ताहिर पठान अभी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं।
पुलिस की सक्रियता से खुला मामला
पुलिस की सक्रियता और सूक्ष्म जांच के चलते एक बड़ी फर्जी लूट का पर्दाफाश हो सका। कांस्टेबल नरेंद्र ने तकनीकी तथ्यों और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हुए जांच को सही दिशा में मोड़ा। पुलिस अधीक्षक ने पूरी टीम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में सच्चाई तक पहुंचने के लिए धैर्य और तकनीकी समझ दोनों आवश्यक हैं।
पुलिस अब फरार आरोपी ताहिर पठान को पकड़ने के प्रयास कर रही है और जल्द ही उसे भी हिरासत में लेने की उम्मीद है।