पहलगाम, जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम की वादियां उस वक्त खून से लाल हो गईं जब दोपहर लगभग 2:45 बजे बैसारन घाटी में घात लगाए बैठे आतंकियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस क्रूरतम आतंकी हमले में अब तक 28 निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में कानपुर के उभरते हुए युवा व्यवसायी शुभम द्विवेदी भी शामिल हैं, जो अपनी पत्नी एशान्या संग हनीमून मनाने आए थे।

शादी के दो महीने बाद खौफनाक अंत
कानपुर के यशोदानगर निवासी एशान्या से शुभम द्विवेदी का विवाह 12 फरवरी 2025 को हुआ था। विवाह के बाद 17 अप्रैल को वे अपने परिवार सहित कश्मीर की यात्रा पर निकले थे। दोनों की यह पहली लंबी यात्रा थी। 23 अप्रैल को घर लौटने की योजना थी, परंतु उससे ठीक एक दिन पहले ही आतंकी हमले में शुभम की हत्या कर दी गई।
पत्नी की आँखों के सामने ली जान: “नाम पूछा, फिर सिर में गोली मार दी”
घटना के वक्त शुभम की पत्नी एशान्या उनके साथ ही थीं। बेसुध हालत में उन्होंने परिजनों को बताया कि आतंकी पहले पर्यटकों से नाम पूछ रहे थे, और जैसे ही शुभम ने अपना नाम बताया, एक आतंकी ने उनके सिर में गोली मार दी।
“सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि मैं समझ भी नहीं पाई कि क्या हो रहा है। एक पल में सब कुछ खत्म हो गया।”
गांव और शहर में शोक की लहर
शुभम द्विवेदी कानपुर जिले के सरसौल क्षेत्र स्थित हाथीपुर गांव के मूल निवासी थे। उनके पिता संजय द्विवेदी शहर के प्रमुख सीमेंट व्यवसायी हैं और वर्तमान में श्यामनगर, कानपुर में रहते हैं। शुभम की मौत की खबर जैसे ही गांव और शहर में पहुंची, चारों ओर मातम छा गया।
श्यामनगर में स्थानीय व्यापारियों ने अपनी दुकानों को कुछ समय के लिए बंद रख श्रद्धांजलि दी, वहीं गांव के लोग भारी संख्या में परिवार को सांत्वना देने उनके आवास पर पहुँचने लगे।

सभी परिजनों के साथ थे शुभम
शुभम और एशान्या अकेले नहीं, बल्कि दोनों पक्षों के कुल 11 लोग इस पारिवारिक यात्रा पर गए थे। उनके साथ माता-पिता संजय और सीमा द्विवेदी, बहन आरती, बहनोई शुभम दुबे, ससुर राजेश पांडेय और अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
“पूरा परिवार कश्मीर की खूबसूरती देखने गया था, लेकिन अब एक बेटे के शव के साथ लौट रहा है।” – शुभम के मामा ने भावुक स्वर में कहा।