चिड़ावा, 24 अप्रैल 2025: चिड़ावा पंचायत समिति से जुड़ा एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव जल्द देखने को मिल सकता है। राजस्थान हाईकोर्ट के हालिया आदेश के बाद वर्तमान प्रधान रोहिताश धांगड़ को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है, जबकि उपप्रधान विपिन नूनिया को नया प्रधान नियुक्त किया जाना संभावित है।

यह मामला उस समय तूल पकड़ गया था, जब रोहिताश धांगड़ ने पूर्व प्रधान इंदिरा डूडी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर इंदिरा डूडी को उनके पद से हटा दिया गया था और उनके विरुद्ध जांच शुरू की गई थी। इसके बाद पंचायत समिति के प्रधान पद पर रोहिताश धांगड़ को नियुक्त कर दिया गया।
हालांकि, इंदिरा डूडी ने इस नियुक्ति को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यदि किसी प्रधान को पद से हटाया जाता है, तो उसके बाद उपप्रधान को प्राथमिकता के आधार पर प्रधान नियुक्त किया जाना चाहिए। केवल उसी स्थिति में अन्य सदस्य को पद सौंपा जा सकता है जब उपप्रधान उपलब्ध न हो।
कोर्ट ने पाया कि उपप्रधान विपिन नूनिया उस समय मौजूद थे, इसके बावजूद उन्हें नजरअंदाज कर रोहिताश धांगड़ को प्रधान नियुक्त करना नियमों के विरुद्ध था। इस आधार पर अदालत ने निर्देश दिए हैं कि रोहिताश धांगड़ को तुरंत प्रधान पद से हटाया जाए और उपप्रधान विपिन नूनिया को प्रधान की जिम्मेदारी सौंपी जाए।

इस फैसले के बाद चिड़ावा पंचायत समिति में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विभिन्न विभागों और पंचायत सदस्यों की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि कब और कैसे कार्यभार का औपचारिक हस्तांतरण होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला पंचायत स्तर पर प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही यह निर्णय भविष्य में पंचायत समितियों में नियुक्तियों की प्रक्रिया को लेकर एक स्पष्ट दिशा भी तय करेगा।