पहलगाम, जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बेसरान क्षेत्र में मंगलवार को हुए दर्दनाक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस भीषण हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जबकि 17 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। आतंकियों ने सुनियोजित तरीके से टूरिस्ट वाहनों को निशाना बनाया, जिससे आम नागरिकों में भय और आक्रोश फैल गया है।
पाकिस्तानी और स्थानीय आतंकियों की मिलीभगत उजागर
इस हमले की जांच में अहम खुलासे सामने आए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस आतंकी घटना को अंजाम देने में दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय आतंकियों की संलिप्तता रही है। जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी आतंकी पश्तून भाषा में संवाद कर रहे थे, जिससे उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हुई है। सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच भी जारी कर दिए हैं।

स्थानीय आतंकियों की पहचान: लश्कर और जैश से संबंध
सूत्रों के अनुसार, दो स्थानीय आतंकियों की पहचान आदिल अहमद ठाकुर और आशिफ शेख के रूप में हुई है।
- आदिल ठाकुर, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ा हुआ है और अनंतनाग जिले के गुरी, बिजबेहड़ा क्षेत्र का निवासी है।
- आशिफ शेख, जैश-ए-मोहम्मद (JeM) संगठन से जुड़ा बताया जा रहा है और वह त्राल के मोंघामा, मीर मोहल्ला से ताल्लुक रखता है।
हमले के दौरान दोनों आतंकियों ने अत्याधुनिक हथियारों और बॉडी कैमरों का इस्तेमाल किया। कहा जा रहा है कि हमले की पूरी फुटेज रिकॉर्ड की गई है, जिसका विश्लेषण एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है।
फायरिंग का दौर 20 मिनट तक चला
हमले के दौरान आतंकियों ने लगभग 15 से 20 मिनट तक AK-47 से अंधाधुंध गोलियां चलाईं। उनके निशाने पर सीधे तौर पर पर्यटक थे, जिससे स्पष्ट होता है कि हमले की योजना काफी पहले से बनाई गई थी। चश्मदीदों के अनुसार, हमला अत्यंत भयावह और सुनियोजित था।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर, जंगलों में सर्च ऑपरेशन जारी
घटना के तुरंत बाद भारतीय सेना, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने क्षेत्र को घेर लिया और आतंकियों की तलाश शुरू कर दी। ड्रोन और हेलिकॉप्टर से क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। घने जंगलों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

दिल्ली से लेकर कश्मीर तक हाई अलर्ट
इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा एनआईए ने चश्मदीदों और स्थानीय निवासियों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिए हैं।
हमले की योजना पर जांच तेज
सुरक्षा एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि हमले की साजिश कब, कहां और किन नेटवर्कों के माध्यम से रची गई। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि स्थानीय आतंकी पहले से ही एजेंसियों की रडार पर थे। आदिल और आशिफ पर पहले से ही संदिग्ध गतिविधियों को लेकर नजर रखी जा रही थी।