नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी कि दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने और गश्त फिर से शुरू करने के लिए एक समझौते पर पहुंच गए हैं। यह समझौता सीमा पर शांति बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सीमा पर गश्त फिर से शुरू करने पर सहमति
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप, भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में एलएसी पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है। इससे इन क्षेत्रों में तनाव कम हो रहा है और अंततः इन विवादों का समाधान हो रहा है।” इस समझौते के तहत दोनों देशों के सुरक्षा बल वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने-अपने निर्धारित क्षेत्रों में गश्त फिर से शुरू करेंगे। यह कदम तनाव को नियंत्रित करने और सीमा पर स्थिरता बनाए रखने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन यात्रा से पहले समझौता
यह महत्वपूर्ण समझौता ऐसे समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस की यात्रा करने वाले हैं। यह शिखर सम्मेलन 22-23 अक्टूबर को रूस के कज़ान में आयोजित होगा। इस संदर्भ में मिस्री ने कहा, “यह समझौता प्रधानमंत्री की आगामी ब्रिक्स यात्रा से पहले एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम है, जो भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक बदलाव का संकेत देता है।”
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से संभावित द्विपक्षीय वार्ता
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संभावित द्विपक्षीय बैठक पर पूछे गए सवाल के जवाब में, विदेश सचिव ने बताया कि दोनों देशों के बीच हाल के हफ्तों में कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं हुई हैं। “हम अभी भी किसी भी द्विपक्षीय बैठक के लिए समय और विवरण को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं,” उन्होंने कहा।
भारतीय नागरिकों की रिहाई पर भी बड़ा कदम
इसके अलावा, विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा से पहले एक और बड़ी घोषणा की। भारत द्वारा मॉस्को के समक्ष मामला उठाए जाने के बाद से कम से कम 85 भारतीय, जिन्हें धोखे से रूसी सेना में भर्ती कराया गया था, उन्हें रिहा कर दिया गया है। विक्रम मिस्री ने बताया कि अभी भी 20 भारतीयों की रिहाई बाकी है, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: अहम मुद्दों पर चर्चा और कज़ान घोषणा
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 23 अक्टूबर को अपने मुख्य सत्र में प्रवेश करेगा, जिसमें वैश्विक आर्थिक और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस शिखर सम्मेलन के दौरान “कज़ान घोषणा” को अपनाने की भी उम्मीद है, जो ब्रिक्स के भविष्य के मार्ग को निर्धारित करेगी। प्रधानमंत्री मोदी की कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती हैं। हालांकि, शिखर सम्मेलन समाप्त होने से पहले ही प्रधानमंत्री भारत लौट आएंगे, क्योंकि 23 अक्टूबर के बाद उनकी भारत में महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताएँ हैं।