Friday, November 22, 2024
HomeदेशCAA के खिलाफ SC पहुंचे IUML-DYFI, कहा- यह कानून मुस्लिमों से करता...

CAA के खिलाफ SC पहुंचे IUML-DYFI, कहा- यह कानून मुस्लिमों से करता है भेदभाव

CAA: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यह कानून मुस्लिमों से भेदभाव करता है और भारत के संविधान का उल्लंघन करता है।

IUML और DYFI ने अपनी याचिका में कहा है कि CAA, धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करता है, जो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। याचिका में यह भी कहा गया है कि CAA, भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का भी उल्लंघन करता है, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह CAA को रद्द करे और सरकार को निर्देश दे कि वह इस कानून को लागू करने के लिए कोई भी नियम या अधिसूचना जारी न करे।

IUML और DYFI के अलावा, कई अन्य संगठनों और व्यक्तियों ने भी CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इनमें शामिल हैं:

  • ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
  • जमीयत उलेमा-ए-हिंद
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
  • तृणमूल कांग्रेस
  • राष्ट्रीय जनता दल

सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक इन याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख तय नहीं की है।

CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

CAA के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इन विरोध प्रदर्शनों में लाखों लोगों ने भाग लिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि CAA, भारत के संविधान का उल्लंघन करता है और यह देश में सांप्रदायिक भेदभाव को बढ़ावा देगा।

सरकार का पक्ष

सरकार का कहना है कि CAA, भारत के राष्ट्रीय हित में है। सरकार का कहना है कि यह कानून, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करेगा।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!