Saturday, July 26, 2025
HomeविदेशAI के जरिए एक्टिविस्ट छात्रों की पहचान, अमेरिका में सैकड़ों विदेशी छात्रों...

AI के जरिए एक्टिविस्ट छात्रों की पहचान, अमेरिका में सैकड़ों विदेशी छात्रों को वीजा रद्द होने का झटका

वाशिंगटन, अमेरिका: अमेरिका में पढ़ाई कर रहे सैकड़ों विदेशी छात्रों को उनके एफ-1 स्टूडेंट वीजा रद्द होने का अचानक ईमेल मिला है। यह ईमेल अमेरिकी विदेश मंत्रालय (DoS) द्वारा मार्च के आखिरी सप्ताह में भेजा गया। इसमें छात्रों को अमेरिका छोड़ने का निर्देश दिया गया है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इस फैसले का असर कई भारतीय छात्रों पर भी पड़ा है।

छात्रों के कैंपस एक्टिविज्म को आधार बनाया गया

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह ईमेल उन छात्रों को भेजा गया है जो कैंपस एक्टिविज्म में शामिल रहे हैं या जिन्होंने सोशल मीडिया पर ‘इजराइल विरोधी’ पोस्ट को लाइक, शेयर या कमेंट किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के अनुसार, 26 मार्च तक 300 से अधिक ‘हमास समर्थक’ छात्रों के एफ-1 वीजा रद्द किए जा चुके हैं। इनमें कई भारतीय छात्र भी शामिल हैं।

Advertisement's
Advertisement’s

ईमेल में स्पष्ट चेतावनी – देश छोड़ें या कानूनी कार्रवाई झेलें

यह मेल हार्वर्ड, कोलंबिया, येल, कैलिफोर्निया और मिशिगन जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज के छात्रों को भेजा गया है। ईमेल में कहा गया है कि उनका एफ-1 वीजा इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट की धारा 221(i) के तहत रद्द किया गया है। अमेरिका में रुकने पर उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है, हिरासत में लिया जा सकता है या उन्हें जबरन डिपोर्ट किया जा सकता है।

‘कैच एंड रिवोक’ ऐप से छात्रों की पहचान

छात्रों की पहचान करने के लिए अमेरिकी सरकार AI-आधारित ‘कैच एंड रिवोक’ ऐप का इस्तेमाल कर रही है। यह ऐप अमेरिकी विदेश मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा मार्च में लॉन्च किया गया था। इसी ऐप की मदद से पहली बार 5 मार्च को तुर्की की छात्रा रुमेसा ओजतुर्क की पहचान की गई थी, जिसके बाद उनका वीजा रद्द कर दिया गया।

भारतीय छात्रों पर असर, कुछ ने खुद को किया ‘सेल्फ डिपोर्ट’

इस मामले में भारतीय छात्रों का भी नाम सामने आ रहा है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी की छात्रा रंजनी श्रीनिवासन का वीजा रद्द कर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने अमेरिका छोड़कर कनाडा में शरण ली। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने आरोप लगाया कि वह ‘हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देने’ की गतिविधियों में शामिल थीं।

इसी तरह, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पोस्ट डॉक्टोरल फेलो रहे बदर खान सूरी पर हमास समर्थक प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप है। हालांकि, उनका वीजा रद्द हुआ है या नहीं, इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है।

भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने छात्रों को अमेरिका के स्थानीय कानूनों और वीजा नियमों का पालन करने की सलाह दी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में कहा, “हमारे छात्रों को किसी भी ऐसी गतिविधि से बचना चाहिए जिससे उनके वीजा पर खतरा मंडरा सकता है।” सरकार ने आश्वासन दिया कि ज़रूरत पड़ने पर भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास छात्रों की मदद के लिए उपलब्ध रहेंगे।

Advertisement's

Advertisement’s

इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स की राय

इमिग्रेशन मामलों के वकील साइरस मेहता के अनुसार, छात्रों के पास अभी भी कानूनी विकल्प उपलब्ध हैं। वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं और विदेश विभाग के फैसले को अदालत में चुनौती दे सकते हैं।

भारतीय छात्रों की अमेरिका में मौजूदगी और आर्थिक योगदान

ओपन डोर्स रिपोर्ट 2024 के अनुसार, अमेरिका में 2023-24 में 3.32 लाख भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे थे, जो पिछले साल की तुलना में 23% अधिक है। भारतीय छात्र अमेरिका में हर साल औसतन 30 से 70 लाख रुपये खर्च करते हैं। 2023-24 में भारतीय छात्रों द्वारा अमेरिका में लगभग 1.38 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!