देश के सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा और चेतवानी भी दी है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 19 और 22 के तहत पत्रकारों के मूल अधिकारों की स्वतंत्रता के खिलाफ पुलिस किसी भी पत्रकार के सूत्र नही पूछ सकती है, और न ही न्यायाल। तब तक जब तक कि पत्रकारों के खिलाफ बिना जांच और पुख्ता सबूत के दर्ज मुकदमे और गवाही की जांच नहीं हो जाती है।
सीजेआई ने कहा कि आज कल देखा जा रहा है कि पुलिस पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन कर रही है और अधिकतर मामलों में पुलिस खुद को श्रेष्ठ साबित करने के लिए ही ऐसा करती है।
उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख दिखाते हुए कहा कि अगर पुलिस ऐसा करती पाई जाती है, तो फिर ऐसे में कोर्ट की अवमानना का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है ।