पिलानी, 27 जुलाई: ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन (AIDYO) के तत्वावधान में शनिवार को पिलानी के पाड़िया स्कूल में “मानवता बचाओ, संस्कृति बचाओ, महिला मर्यादा की रक्षा करो” विषय पर जिला कन्वेंशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता, महिला असुरक्षा, सांस्कृतिक गिरावट और युवाओं को दिग्भ्रमित करने वाले कारकों पर विस्तार से चर्चा करते हुए युवाओं से जागरूकता और सक्रियता की अपील की।
कन्वेंशन में मुख्य वक्ता के रूप में महावीर शर्मा, कुलदीप सिंह और विष्णु वर्मा ने संबोधित किया। वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में 9 अगस्त 2024 को कोलकाता स्थित आर. जी. कर सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना का उल्लेख करते हुए इसे मानवता के लिए गहरा आघात बताया। उन्होंने कहा कि निर्भया, कठुआ और हाथरस जैसी घटनाएं बार-बार देश की अंतरात्मा को झकझोर रही हैं, लेकिन प्रशासनिक और कानूनी प्रणाली की ढिलाई के कारण पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
इस मौके पर कोलकाता की इसी घटना पर आधारित एक मंचन भी प्रस्तुत किया गया, जिसने कार्यक्रम में मौजूद युवाओं और शिक्षकों को भावुक कर दिया। नाटक ने समाज में महिला सुरक्षा को लेकर गहन मंथन का वातावरण उत्पन्न किया।
वक्ताओं ने कहा कि देश में हर दिन बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं और छह माह की बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाएं तक सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि टीवी, फिल्मों, इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिये महिलाओं को एक वस्तु के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे समाज में उनके प्रति सम्मान की भावना कमजोर हो रही है।

सांख्यिकीय दृष्टिकोण से भी कार्यक्रम में कई गंभीर तथ्य सामने आए। वक्ताओं ने बताया कि वर्ष 2019 से 2021 के बीच गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देशभर से लगभग 13 लाख महिलाएं और बच्चियां लापता हुईं। यह आंकड़ा समाज के गिरते मूल्यों और बढ़ते अपराधों की भयावह तस्वीर प्रस्तुत करता है।
कन्वेंशन में वक्ताओं ने युवाओं से अपील की कि वे अपने जीवन को चरित्रवान बनाएं, नशे से दूर रहें और भारतीय संस्कृति तथा सामाजिक मर्यादाओं की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि राजा राममोहन राय, विद्यासागर, सावित्रीबाई फुले जैसे समाज सुधारकों के जीवन से प्रेरणा लेकर युवा वर्ग को वर्तमान सामाजिक चुनौतियों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।
कार्यक्रम के समापन पर यह संकल्प लिया गया कि सांस्कृतिक पतन, महिला असुरक्षा, अश्लीलता और नशे के खिलाफ युवा न केवल जागरूक रहेंगे, बल्कि अपने गांव-शहर और मोहल्लों में भी जागरूकता अभियान चलाकर बदलाव की अलख जगाएंगे।