उत्तराखंड: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज रविवार, 18 मई को एक अहम उत्तराखंड दौरे पर हैं। उनका यह दौरा रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव के बाद पार्टी अध्यक्ष का पहला राज्य दौरा है। इस दौरान नड्डा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के सीमावर्ती गांवों का दौरा कर वाइब्रेंट विलेज मिशन के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा करेंगे और सीमा क्षेत्रों के समग्र विकास को गति देने के प्रयासों का नेतृत्व करेंगे।

दौरे की शुरुआत: देहरादून से गूंजी तक
जेपी नड्डा ने आज सुबह देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद हेलीकॉप्टर के माध्यम से सीधे गूंजी गांव के लिए उड़ान भरी। गूंजी भारत-चीन और भारत-नेपाल की सीमाओं के निकट स्थित एक संवेदनशील क्षेत्र है, जो रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
वाइब्रेंट विलेज योजना की समीक्षा और स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण
गूंजी पहुंचने पर बीजेपी अध्यक्ष ने वाइब्रेंट विलेज मिशन के अंतर्गत प्रस्तावित और चालू विकास कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने विशेष रूप से गूंजी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा कर वहां उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य सीमावर्ती गांवों को आधुनिक मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित करना है ताकि सीमावर्ती जनजीवन में स्थायित्व आए और गांवों से पलायन रुके।
आदि कैलाश के दर्शन
जेपी नड्डा ने ज्योलिंगकोंग क्षेत्र से आदि कैलाश के भी दर्शन किए। यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और कैलाश मानसरोवर यात्रा के परंपरागत मार्ग का हिस्सा है। गूंजी, दरअसल, कैलाश मानसरोवर यात्रा के नेपाली पारंपरिक मार्ग पर स्थित है।

सेना के जवानों से संवाद और कैंप में रात्रि विश्राम
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज रात गूंजी स्थित भारतीय सेना के कैंप में विश्राम करेंगे और वहां सेना के जवानों व अधिकारियों से बातचीत करेंगे। यह मुलाकात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बीजेपी के नेताओं की एक निरंतर कड़ी का हिस्सा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही अग्रिम मोर्चों पर सैनिकों से मुलाकात कर चुके हैं।
कल दिल्ली रवाना होंगे
जेपी नड्डा कल, 19 मई को देहरादून होते हुए दिल्ली के लिए रवाना होंगे। उनका यह दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टि से, बल्कि रणनीतिक और सामरिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।