चिड़ावा, 23 अप्रैल 2025: चिड़ावा ब्लॉक में निजी विद्यालयों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जिला कलेक्टर द्वारा जारी की जाने वाली किसी भी तरह की गाइड लाइन उनके लिए मायने नहीं रखती। खासतौर पर तब, जब वो गाइड लाइन विद्यार्थियों के हित में जारी हुई हो।
जिला कलेक्टर के आदेश की अवहेलना का ताज़ा मामला भीषण गर्मी में छोटे बच्चों के लिए स्कूल समय में परिवर्तन से जुड़ा है। आपको बता दें कि जिला कलेक्टर द्वारा 18 अप्रैल को राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर के निर्देशानुसार भीषण गर्मी को देखते हुए झुंझुनूं जिले के समस्त राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों के समय में बदलाव किए जाने का आदेश जारी किया गया था। जिला कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार 19 अप्रैल से सत्रांत (16 मई 2025) तक पूर्व प्राथमिक, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर तक के विद्यार्थियों के लिए विद्यालय का समय प्रातः 7:30 से 11:00 बजे तक निर्धारित किया गया है। वहीं, मिड-डे मील योजना के तहत भोजन एवं दूध वितरण की व्यवस्था प्रातः 10:30 बजे से पूर्व सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

यही नहीं आदेश की अवहेलना करने वाले विद्यालयों के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी आदेश में स्पष्ट रूप से दी गई थी।
एक दिन के लिए भी पालना नहीं हुई आदेश की
यहां स्पष्ट कर दें, 19 अप्रैल से लागू किया जाने वाला इस आदेश की पालना 1 दिन के लिए भी नहीं हो पाई। और जैसा कि हर बार होता आया है, जिले के लगभग सभी निजी विद्यालयों ने जिला कलेक्टर के इस आदेश की भी धज्जियां उड़ा डाली है।
ग्राउंड पर जानी हकीकत मीडिया टीम ने
स्कूल समय में परिवर्तन का आदेश जिला कलेक्टर द्वारा जारी किए जाने के बाद हमारी मीडिया टीम ने चिड़ावा ब्लॉक मुख्यालय पर हालात जानने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन लॉन्च किया, जिसमें कई निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों से हमने बात की और वास्तविकता को जाना। सोमवार, 21 अप्रैल और मंगलवार, 22 अप्रैल को ग्राउंड पर हमारे मीडिया साथी शहर के अलग-अलग इलाकों में संचालित स्कूलों तक पहुंचे तो सामने आया कि क्षेत्र के लगभग सभी निजी विद्यालय बेखौफ पूर्व प्राथमिक, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की कक्षाओं का संचालन मनमर्जी से कर रहे हैं।
छोटे बच्चों को हीट वेव से बचाने के लिए जारी किया आदेश
जिला कलेक्टर द्वारा स्कूल समय में परिवर्तन का आदेश जारी करने का उद्देश्य छोटी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों का बढ़ते तापमान और हीट वेव से बचाव करना है। दरअसल छोटी कक्षाओं के विद्यार्थी शारीरिक रूप से अधिक संवेदनशील होते हैं और लू का असर उन पर गम्भीर हो सकता है। प्रातःकालीन समय में तापमान अपेक्षाकृत कम होता है, जिससे विद्यार्थी सुरक्षित रूप से विद्यालय आ-जा सकते हैं लेकिन दोपहर तक तापमान 41 डिग्री तक पहुंच रहा है और प्रचण्ड गर्मी में लू के थपेड़ों से उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

आदेश ना मानने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई होगी – सुशील कुमार शर्मा
सीबीईओ सुशील कुमार शर्मा ने इस मामले पर कहा कि कलेक्टर द्वारा पारित किए गए आदेश राजकीय व निजी दोनों प्रकार के स्कूलों पर समान रूप से लागू होते हैं। इन आदेशों की अवहेलना करने वाले विद्यालयों के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा तथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।