वॉशिंगटन, अमेरिका: अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) द्वारा हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट ने अमेरिका में भारतीय छात्रों के साथ हो रहे वीजा रद्दीकरण मामलों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल के दौरान जांचे गए 327 मामलों में से लगभग 50 प्रतिशत वीजा रद्द भारतीय छात्रों के थे। यह आंकड़ा इस बात की ओर इशारा करता है कि भारत, अमेरिका की वीजा नीति से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शुमार है।
चीन दूसरे स्थान पर, 14% छात्र प्रभावित
रिपोर्ट के अनुसार, वीजा रद्दीकरण के मामलों में चीन दूसरे स्थान पर रहा, जहां 14 प्रतिशत छात्रों के वीजा रद्द किए गए। अन्य देशों के आंकड़े इससे काफी पीछे हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि दक्षिण एशियाई छात्रों पर खास तौर से असर पड़ा है।

OPT पर कार्यरत छात्रों को अधिक नुकसान
AILA की रिपोर्ट बताती है कि वीजा रद्द होने वाले अधिकांश छात्र OPT (Optional Practical Training) पर थे। इसका तात्पर्य है कि ये छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर अमेरिका में नौकरी कर रहे थे। SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) के रिकॉर्ड रद्द होने से इन छात्रों की नौकरी पर भी सीधा असर पड़ा है।
राजनीतिक विरोध नहीं, मामूली कारण बने वीजा रद्दीकरण का आधार
ट्रंप प्रशासन ने वीजा रद्द करने के पीछे राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने को कारण बताया था, परंतु रिपोर्ट के अनुसार, 327 में से केवल दो छात्रों का ही ऐसा कोई रिकॉर्ड मिला। अन्य मामलों में वीजा रद्द करने के पीछे कोई ठोस या गंभीर कारण नहीं था।
86% छात्रों की हुई पुलिस से बातचीत, 33% मामलों में कोई केस नहीं
AILA ने बताया कि जिन छात्रों के वीजा रद्द किए गए, 86 प्रतिशत ने माना कि उनकी कभी न कभी पुलिस से बातचीत हुई थी। लेकिन इनमें से 33 प्रतिशत मामलों में न कोई आरोप तय हुआ और न कोई मुकदमा चला। कई छात्र केवल मामूली यातायात नियम उल्लंघन, पार्किंग नियम तोड़ने या घरेलू हिंसा के पीड़ित थे।
SEVIS रिकॉर्ड रद्द करने में पारदर्शिता की कमी
AILA ने इस बात पर गंभीर सवाल उठाए हैं कि इतने बड़े स्तर पर छात्रों के SEVIS रिकॉर्ड बिना स्पष्ट सूचना के क्यों रद्द किए गए। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, निगरानी और जवाबदेही को सुनिश्चित किया जाना अत्यंत आवश्यक है ताकि छात्रों को बिना पूर्व सूचना के शिक्षा और रोजगार से वंचित न किया जाए।

अपील की प्रक्रिया आसान बनाने की मांग
AILA ने मांग की है कि छात्रों को SEVIS रिकॉर्ड रद्द होने पर अपील करने की एक सहज प्रक्रिया दी जानी चाहिए ताकि वे अपनी पढ़ाई और नौकरी बीच में छोड़े बिना न्याय प्राप्त कर सकें।
जनवरी 2025 से अब तक 4,736 SEVIS रिकॉर्ड रद्द
रिपोर्ट के अनुसार, 20 जनवरी 2025 से अब तक ICE (Immigration and Customs Enforcement) द्वारा 4,736 SEVIS रिकॉर्ड रद्द किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश छात्र F-1 वीजा स्टेटस पर थे। इनमें केवल 14% छात्रों को ही कोई पूर्व सूचना मिली, वह भी केवल OPT पर कार्यरत छात्रों को।