नई दिल्ली: भारतीय ने स्पष्ट किया है कि यात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और दिव्यांगों के लिए ट्रेनों में विशेष सीट आरक्षण की सुविधा दी जाती है। उनके लिए विभिन्न श्रेणी के कोचों में लोअर बर्थ (निचली सीट) आरक्षित रखी जाती हैं। बुकिंग के दौरान लोअर बर्थ का विकल्प न चुनने पर भी उन्हें यह सुविधा स्वचालित रूप से मिलती है। गर्भवती महिलाएं भी इस सुविधा का लाभ ले सकती हैं।

लोकसभा में रेल मंत्री का बयान
बुधवार को लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रश्नकाल के दौरान इस विषय पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए निरंतर प्रयासरत है। रेल मंत्री ने कहा कि यदि यात्रा के दौरान लोअर बर्थ खाली रहती हैं, तो वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
स्वचालित सिस्टम से आरक्षण प्रक्रिया
रेलवे में लोअर बर्थ आरक्षण के लिए एक स्वचालित प्रणाली (ऑटोमेटिक सिस्टम) लागू है। इस सिस्टम के तहत स्लीपर श्रेणी के प्रत्येक कोच में छह से सात सीटें, एसी-3 टियर में चार से पांच सीटें और एसी-2 टियर में तीन से चार सीटें लोअर बर्थ के रूप में आरक्षित की जाती हैं।
रेल मंत्री ने कहा, “यह सुविधा ट्रेन में कोचों की संख्या के अनुसार घट-बढ़ सकती है। हमारा प्रयास होता है कि अधिक से अधिक यात्रियों को इसका लाभ मिले। विशेष रूप से दिव्यांग यात्रियों के लिए मेल, एक्सप्रेस, राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में आरक्षण कोटा भी उपलब्ध है।”

आरक्षित सीटों की संख्या
रेल मंत्री वैष्णव ने यह भी बताया कि विभिन्न श्रेणियों में निम्नलिखित संख्या में सीटें आरक्षित होती हैं:
- स्लीपर क्लास: प्रत्येक बोगी में 6-7 लोअर बर्थ
- एसी-3 टियर: 4-5 लोअर बर्थ
- एसी-2 टियर: 3-4 लोअर बर्थ
- थ्री एसी और थ्री ई: 4 लोअर बर्थ (दो निचली सीट सहित)
- सेकंड सिटिंग/एसी चेयर कार: 4-4 सीटें आरक्षित