Saturday, April 19, 2025
Homeदेशउत्तराखंड को मोदी कैबिनेट की बड़ी सौगात, सोनप्रयाग-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे...

उत्तराखंड को मोदी कैबिनेट की बड़ी सौगात, सोनप्रयाग-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी

उत्तराखंड: नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बुधवार को उत्तराखंड के विकास को गति देने के लिए दो महत्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबा रोपवे विकसित किया जाएगा। ये दोनों रोपवे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाएंगे।

सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे परियोजना: 36 मिनट में तय होगी यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को मंजूरी दी गई। इस परियोजना पर 4,081.28 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा।

Advertisement's
Advertisement’s

रोपवे परियोजना के प्रमुख बिंदु

  • यात्रा का समय होगा कम: वर्तमान में केदारनाथ तक की यात्रा में 8-9 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस रोपवे के बनने के बाद यह समय महज 36 मिनट में सिमट जाएगा।
  • तकनीकी विशेषताएँ: इस रोपवे को ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S) तकनीक पर बनाया जाएगा, जो उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में अधिक सुरक्षित और टिकाऊ होती है।
  • यात्रियों की क्षमता: इस रोपवे में प्रति केबिन 36 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी और प्रतिदिन 18,000 यात्री इसका लाभ उठा सकेंगे।
  • पर्यावरण के अनुकूल: इस रोपवे के निर्माण से पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा और यह श्रद्धालुओं के लिए आरामदायक एवं सुरक्षित यात्रा का माध्यम बनेगा।
  • धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: इस रोपवे के निर्माण से केदारनाथ धाम की यात्रा आसान होगी, जिससे देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।

गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना: हर मौसम में होगी कनेक्टिविटी

कैबिनेट ने उत्तराखंड में दूसरी बड़ी परियोजना गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना पर 2,730.13 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल पर विकसित किया जाएगा।

गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे की विशेषताएँ

  • बेहतर कनेक्टिविटी: यह रोपवे परियोजना हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा और फूलों की घाटी तक की यात्रा को सुगम बनाएगी।
  • पर्यटकों को मिलेगा लाभ: इस परियोजना से केवल तीर्थयात्री ही नहीं, बल्कि फूलों की घाटी (Valley of Flowers) आने वाले पर्यटकों को भी लाभ मिलेगा।
  • सभी मौसम में यात्रा संभव: यह रोपवे हर मौसम में सुचारू यात्रा सुनिश्चित करेगा, जिससे बरसात और सर्दियों में भी यात्रियों को कोई कठिनाई नहीं होगी।
  • यात्रा का समय होगा कम: वर्तमान में हेमकुंड साहिब तक पहुंचने में घंटों का समय लगता है, लेकिन रोपवे बनने के बाद यह यात्रा बहुत कम समय में पूरी की जा सकेगी।
Advertisement's
Advertisement’s

पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम को भी मिली मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP) के संशोधन को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत पशु औषधि घटक को शामिल किया गया है, जिससे पशुधन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में सहायता मिलेगी।

पशुधन स्वास्थ्य योजना की प्रमुख बातें

  • 2024-25 और 2025-26 में 3,880 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
  • पशु टीकाकरण, निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन पर विशेष जोर दिया जाएगा।
  • पशुपालकों को उन्नत दवाएँ और चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।
- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!