मुंबई: समाजवादी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से विधायक अबू आजमी के औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। उनके बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना ने तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद अबू आजमी को अपने शब्द वापस लेने पड़े। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर सफाई दी कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और अगर इससे किसी की भावना आहत हुई है तो वह अपना बयान वापस लेते हैं।

अबू आजमी की सफाई – “बयान को गलत तरीके से पेश किया गया”
अबू आजमी ने अपने स्पष्टीकरण में कहा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। लेकिन फिर भी यदि मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है, जिससे महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र में बाधा उत्पन्न हो रही है। मैं इसे महाराष्ट्र की जनता के हित में नहीं मानता।”
मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगज़ेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरषों के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है – लेकिन फिर भी मेरी इस बात से कोई… pic.twitter.com/k7PY0ICe3b
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) March 4, 2025
शिवसेना और बीजेपी का तीखा हमला
अबू आजमी के इस बयान पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “अबू आजमी का बयान पूरी तरह से अस्वीकार्य और निंदनीय है। औरंगजेब को अच्छा प्रशासक बताना एक पाप है। यह वही औरंगजेब था जिसने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक प्रताड़ित किया था। अबू आजमी को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है, और ऐसे लोगों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।”
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वहीं, बीजेपी ने भी अबू आजमी के बयान की कड़ी आलोचना की। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, “अबू आजमी और कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी द्वारा इतिहास के सबसे क्रूर और अत्याचारी शासकों में से एक औरंगजेब का महिमामंडन भारतीय समाज का अपमान है। इससे यह स्पष्ट होता है कि ये लोग हिन्दू धर्म के पूर्ण नाश के लिए किसी भी सीमा तक जाने को तैयार हैं।”

क्या कहा था अबू आजमी ने?
अबू आजमी ने हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि फिल्म छावा में इतिहास का चित्रण सही तरीके से नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए। मुझे नहीं लगता कि वह एक क्रूर शासक था।” जब उनसे पूछा गया कि क्या औरंगजेब ने संभाजी महाराज के प्रति क्रूरता दिखाई थी, तो उन्होंने इसे सत्ता संघर्ष बताया और कहा कि यह हिंदू-मुसलमानों के बीच का संघर्ष नहीं था।