नई दिल्ली: भारत सरकार ने हाल ही में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें DeepSeek AI और ChatGPT जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स के उपयोग से बचने के लिए कहा गया है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी इस चेतावनी में सरकारी दस्तावेजों और डेटा प्राइवेसी के जोखिम का हवाला दिया गया है।
सरकार का कहना है कि इन AI टूल्स का उपयोग करने से संवेदनशील और गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने का खतरा बढ़ जाता है। सरकारी विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे कार्यालय से संबंधित कार्यों के लिए इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग न करें।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठे प्राइवेसी के सवाल
DeepSeek AI को लेकर डेटा प्राइवेसी पर सवाल केवल भारत में ही नहीं उठ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने भी डेटा सुरक्षा चिंताओं के कारण इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन देशों ने चेतावनी दी है कि AI टूल्स के माध्यम से संवेदनशील जानकारी असुरक्षित हो सकती है, जिससे साइबर सुरक्षा को खतरा पैदा होता है।

DeepSeek AI: क्या है यह टेक्नोलॉजी?
DeepSeek AI एक एडवांस्ड ओपन-सोर्स AI सिस्टम है, जिसे हांग्जो स्थित एक रिसर्च लैब ने विकसित किया है। इसकी स्थापना 2023 में लियांग वेनफेंग ने की थी, जो AI और क्वांटिटेटिव फाइनेंस के विशेषज्ञ हैं। DeepSeek-V3 मॉडल OpenAI के ChatGPT को पीछे छोड़ते हुए ऐपल के ऐप स्टोर पर टॉप-रेटेड फ्री ऐप बन गया है।
DeepSeek AI का उपयोग ट्रांसलेशन, समरी जनरेशन और इमेज क्रिएशन जैसे कार्यों के लिए किया जाता है। इसकी लोकप्रियता यूएस, यूके और चीन जैसे देशों में तेजी से बढ़ी है, खासकर इसकी कम लागत और मुफ्त उपलब्धता के कारण।
भारत यात्रा पर आ रहे हैं OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन
इस बीच, OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन जल्द ही भारत का दौरा करने वाले हैं। वे आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात करेंगे और एक फायरसाइड चैट में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, वे भारत सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ भी बातचीत करेंगे।