नई दिल्ली: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की दोषसिद्धि के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका को खारिज करते हुए भारत को सौंपे जाने की मंजूरी दे दी है।
राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, भारत की ओर से लंबे समय से प्रत्यर्पण की मांग के केंद्र में रहा है। अमेरिका की अदालतों में कई बार अपील हारने के बाद यह उसका अंतिम कानूनी प्रयास था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया। अब जल्द ही उसे भारत लाया जाएगा, जहां उसे 2008 के मुंबई आतंकी हमले में संलिप्तता के लिए न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना होगा।

आखिरी कानूनी लड़ाई भी हारा राणा
तहव्वुर राणा के पास भारत प्रत्यर्पित होने से बचने का यह आखिरी मौका था। इससे पहले, वह सैन फ्रांसिस्को में उत्तरी सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय सहित कई संघीय अदालतों में मुकदमा हार चुका था।
राणा ने 13 नवंबर 2024 को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में “प्रमाणपत्र के लिए याचिका” दायर की थी, जिसे अदालत ने 21 जनवरी 2025 को अस्वीकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है। फिलहाल, राणा लॉस एंजिल्स के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में है और जल्द ही भारत के हवाले किया जाएगा।
26/11 मुंबई आतंकी हमले में संलिप्तता
अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने 2009 में शिकागो से राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम किया और 26/11 मुंबई हमले की साजिश में मदद की। इस हमले में 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई को निशाना बनाया था, जिसमें 166 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।
राणा ने इस हमले में मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली को लॉजिस्टिक और वित्तीय सहायता प्रदान की थी। हेडली, जो खुद एक अमेरिकी नागरिक है, मुंबई हमले की योजना का मास्टरमाइंड था। भारत लंबे समय से हेडली के प्रत्यर्पण की भी मांग कर रहा है, लेकिन अब तक वह अमेरिका में ही जेल की सजा काट रहा है।

कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा, 63 वर्षीय पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जो पहले पाकिस्तान की सेना में डॉक्टर रह चुका है। उसने 10 वर्षों तक पाकिस्तान आर्मी में सेवा दी, लेकिन बाद में आतंकवाद से जुड़ गया और भारत के खिलाफ आतंकी साजिशें रचने लगा।
राणा कई बार जर्मनी, इंग्लैंड, कनाडा समेत कई देशों की यात्रा कर चुका है। लश्कर-ए-तैयबा और डेविड हेडली के साथ मिलकर उसने 26/11 हमले की योजना तैयार की थी।