चंडीगढ़, पंजाब: पंजाब में प्रदर्शनकारी किसानों के पंजाब बंद के आह्वान के तहत राज्य के विभिन्न स्थानों पर किसानों ने सड़कें अवरुद्ध कर दीं, जिससे यातायात बाधित हो गया। यह बंद केंद्र सरकार द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों को न मानने के कारण संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा किया गया था। यह बंद सुबह सात बजे से लेकर शाम चार बजे तक जारी रहेगा। बंद का उद्देश्य किसानों की विभिन्न मांगों के लिए दबाव बनाना है, जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, बिजली दरों में वृद्धि पर रोक, और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलवाना शामिल है।
बंद के कारण प्रभावित यातायात और व्यापारिक गतिविधियां
धारेरी जट्टन टोल प्लाजा पर किसानों के धरने के कारण पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। इसके अलावा, रेल रोको अभियान के तहत रेलवे ने 150 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जिससे रेल यात्री भी परेशान हैं। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहाली, पटियाला, लुधियाना, मोगा, फिरोजपुर, बठिंडा, होशियारपुर और जालंधर जैसे शहरों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। बंद का असर ग्रामीण इलाकों में ज्यादा देखा जा रहा है, जहां किसानों ने अपने संगठन के झंडे लेकर सड़कें अवरुद्ध कर दी हैं।
यहां मिल रही है छूट
हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जैसे कि चिकित्सा सेवाएं और हवाई अड्डे जाने वाले लोग, शादी या इंटरव्यू के लिए जाने वाले व्यक्तियों को इस बंद से छूट दी गई है। किसानों के अनुसार, सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक पंजाब में व्यापारी और अन्य नागरिक अपनी सामान्य गतिविधियां नहीं चला सकेंगे, लेकिन इन विशेष परिस्थितियों में जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी।
किसान नेता डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी
इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (70) का आमरण अनशन सोमवार को 35वें दिन भी जारी रहा। डल्लेवाल ने अब तक चिकित्सा उपचार लेने से इंकार कर दिया है और उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह तब तक अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे, जब तक सरकार किसानों की मांगें नहीं मान लेती। डल्लेवाल और उनके समर्थक पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, पुलिस मामलों को वापस लेना, और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय शामिल हैं।
राज्य सरकार और सुरक्षा बलों का बयान
उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने के लिए मनाने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है। यदि जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार केंद्र से सहायता ले सकती है। सुरक्षाबलों द्वारा दिल्ली में प्रवेश से रोकने के बाद से किसान संगठन शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान संगठन और सरकार के बीच तनाव
किसान आंदोलन अब तक कई महीनों से जारी है, और किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार विरोध किया है। पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, जिनमें कर्ज माफी, बिजली दरों में वृद्धि पर रोक, एमएसपी की कानूनी गारंटी, और लखीमपुर खीरी हिंसा के दोषियों को सजा दिलवाना प्रमुख हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों को सरकार नहीं मानती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेता डल्लेवाल के अनशन को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है, और उनकी स्थिति गंभीर होती जा रही है।