चिड़ावा, 19 दिसम्बर 2024: अहिल्या बाई होलकर के त्रिशताब्दी समारोह के तहत चिड़ावा बाईपास स्थित अनुपम गेस्ट हाउस में 21 दिसंबर को सुबह 10 बजे से मातृ शक्ति सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। विश्व हिन्दू परिषद के सुनील सिद्धड़ ने बताया कि सम्मेलन की मुख्य वक्ता काजल हिंदुस्तानी होंगी।
आपको बता दें कि गुजरात के जामनगर की रहने वालीं काजल हिंदुस्तानी का असली नाम काजल सिंहला है और वे उद्यमी, रिसर्च एनालिस्ट, सोशल एक्टिविस्ट और नेशनलिस्ट हैं। ट्विटर पर उनके लगभग एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। कई लोग उनको गुजरात की शेरनी के नाम से भी पुकारते हैं।
शनिवार सुबह आयोजित होने वाले मातृ शक्ति सम्मेलन में लोक मातामहारानी अहिल्याबाई होल्कर को जीवन चरित्र तथा उनके द्वारा किए गए लोकोपकारी कार्यों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी जाएगी।
जानें कौन थीं लोकमाता महारानी अहिल्या बाई होलकर
सुनील सिद्धड़ ने बताया कि अहिल्याबाई होल्कर का जन्म वर्ष 31 मई 1725 को महाराष्ट्र राज्य के चौंढी नामक गांव जामखेड़, अहमदनगर में हुआ था। वे एक साधारण कृषक मान्को जी शिन्दे की एकलौती संतान थीं। वे बचपन से ही भगवान शिव की परम भक्त थीं। इतिहासकार ई.मार्सडेन के अनुसार साधारण शिक्षित अहिल्याबाई 10 वर्ष की अल्पायु में ही मालवा में होल्कर वंशीय राज्य के संस्थापक मल्हारराव होल्कर के पुत्र खण्डेराव के साथ परिणय सूत्र में बंध गई थीं। पति व ससुर के निधन के बाद अहिल्याबाई होल्कर को राज्य के शासन की बागडोर संभालनी पड़ी। नर्मदा तट पर स्थित महेश्वर के किले में उन्होंने अंतिम सांस ली। होल्कर ने देश के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मन्दिर बनवाए, घाट बनवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया, मार्ग बनवाए-सुधरवाए, भूखों के लिए अन्नसत्र (अन्यक्षेत्र) खोले, प्यासों के लिए प्याऊ शुरू करवाई। अनेक लोकोपकारी कार्य उनके शासन काल में करवाए गए, और इसी वजह से राज्य की प्रजा ने उन्हें लोकमाता की उपाधि दी थी।