Friday, August 22, 2025
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भारत-चीन के बीच LAC पर स्थिति में सुधार, दोनों देशों ने पीछे हटने का लिया निर्णय, पेट्रोलिंग फिर से शुरू करने की संभावना

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से चले आ रहे तनाव के बाद भारत-चीन के बीच हुए हालिया समझौते ने क्षेत्र में शांति की उम्मीद जगाई है। दोनों देशों की सेनाएं विवादित क्षेत्रों से पीछे हटने लगी हैं, जिससे हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। मंगलवार, 22 अक्टूबर से शुरू हुई स्थानीय कमांडर स्तर की बातचीत के बाद देपसांग और डेमचॉक में सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। बुधवार को डेमचॉक में दोनों तरफ से एक-एक टेंट हटाया गया, और गुरुवार को भी कुछ अस्थायी ढांचों को तोड़ा गया है।

सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू

अब तक लगभग 40 प्रतिशत सेनाएं और अस्थायी संरचनाएं हटा ली गई हैं। भारतीय और चीनी सेनाओं ने अपने-अपने बेस और अस्थायी ढांचे भी तोड़ दिए हैं। आज, यानी शुक्रवार को, दोनों पक्ष डेमचॉक और देपसांग में फिजिकल वेरिफिकेशन और हवाई रिकॉर्डिंग करने की योजना बना रहे हैं। यह वही क्षेत्र हैं जहां दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव हुआ था।

हॉटलाइन वार्ता से बढ़ी सहमति

भारतीय और चीनी कमांडरों के बीच हॉटलाइन पर बातचीत भी हुई, जिसमें सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पर चर्चा की गई। इसके बाद, डेमचॉक और देपसांग में शांति और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया गया। दोनों देशों की सेनाओं ने इन क्षेत्रों में की गई वीडियो रिकॉर्डिंग से यह सुनिश्चित किया कि टकराव वाली जगहों पर सेनाएं पीछे हट रही हैं।

डेमचॉक में पीछे हटने की प्रक्रिया

डेमचॉक में भारतीय सैनिक चार्डिंग नाले के पश्चिम की तरफ पीछे जा रहे हैं, जबकि चीनी सैनिक नाले के पूरब की ओर वापस लौट रहे हैं। दोनों ओर लगभग 10-12 अस्थायी ढांचे और 12-12 टेंट बने हुए हैं, जिन्हें धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। आगामी 4-5 दिनों में यहां गश्त शुरू होने की संभावना है। देपसांग में, चीनी सेना ने अपने टेंट नहीं लगाए थे, लेकिन गाड़ियों के बीच तिरपाल लगाकर अस्थायी शेल्टर बनाए थे, जिनमें से कुछ गाड़ियां भी गुरुवार को हटाई गई हैं। भारतीय सेना ने भी अपने कुछ सैनिकों की संख्या कम की है।

पेट्रोलिंग जल्द शुरू होने की उम्मीद

स्थानीय कमांडरों के बीच हुई बैठक में यह तय किया गया कि देपसांग और डेमचॉक क्षेत्रों में 4-5 दिनों के भीतर पेट्रोलिंग शुरू की जा सकती है। इसके साथ ही, दोनों देशों के कमांडरों के बीच प्रतिदिन दो बार बातचीत होगी ताकि सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे। हालांकि, गलवान और अन्य बफर जोन में अभी पेट्रोलिंग को लेकर कोई नया अपडेट नहीं आया है।

रक्षा मंत्री का बयान: बातचीत से निकलेगा समाधान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चाणक्य डिफेंस डायलॉग के मंच पर बोलते हुए चीन के साथ एलएसी पर जारी तनाव पर कहा कि भारत और चीन कूटनीतिक और सैन्य स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस बातचीत से दोनों पक्षों के बीच समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर समाधान निकलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और चराई जैसे मुद्दों पर भी सहमति बनी है।

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