नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में आयोजित एक समारोह में आदित्य बिड़ला सामुदायिक पहल और ग्रामीण विकास केंद्र की अध्यक्ष राजश्री बिड़ला को 25वां लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार, 2024 प्रदान किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में राजश्री बिड़ला के मानवता के प्रति समर्पण की प्रशंसा की और कहा कि वे पिछले तीन दशकों से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रही हैं।
उपराष्ट्रपति ने लाल बहादुर शास्त्री के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके नाम का जिक्र होते ही देशभक्ति का भाव जागृत हो जाता है। उन्होंने बताया कि शास्त्री जी जनसेवा की परिभाषा प्रस्तुत करते हैं और आत्म-बलिदान के प्रतीक हैं। “शास्त्री जी ने अपने आचरण और व्यवहार से समाज के सामने मिसाल पेश की, वे उपदेश देने में विश्वास नहीं रखते थे। कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जिन्हें किसी प्रकार के इवेंट मैनेजमेंट की आवश्यकता नहीं होती, वे हमारे दिलों में बसे रहते हैं और हमें प्रेरित करते हैं,” उन्होंने कहा।
उपराष्ट्रपति ने शास्त्री जी के कार्यकाल के कठिन समय की चर्चा की, जब देश भुखमरी के संकट का सामना कर रहा था। उन्होंने कहा, “जब पूरा देश संकट में था, तब शास्त्री जी ने लोगों को एकजुट करने का आह्वान किया। उनका आह्वान केवल शब्दों तक सीमित नहीं था, बल्कि तत्कालीन परिस्थिति से उपजा था। वे अकेले ऐसे नेता थे, जिन्होंने उस समय की चुनौतियों का सामना किया।”
उपराष्ट्रपति ने समकालीन समाज के संदर्भ में इवेंट मैनेजमेंट की आलोचना की और कहा कि आजकल ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित किया जा रहा है, जिनका मूल्यांकन करना मुश्किल होता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल के वर्षों में पद्म पुरस्कार ऐसे व्यक्तियों को दिए जा रहे हैं जो वास्तव में इसके हकदार हैं। इसी प्रकार, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार की भी विश्वसनीयता बढ़ी है और यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को सम्मानित करने का प्रयास है जो मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
समारोह के अंत में उपराष्ट्रपति ने कहा, “यह क्षण हमेशा मेरी यादों में बसा रहेगा, कि मैं मानवता के एक महान व्यक्ति को सम्मानित कर रहा हूं, और यह पुरस्कार धरती के एक बेहतरीन सपूत का तमगा है- जिसकी याद कभी नहीं मिटेगी।”