इजराइल / लेबनान: मध्य पूर्व में जारी संघर्ष के बीच इजराइली सेना ने शुक्रवार को लेबनान पर किए गए हवाई हमले में हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या कर दी। हिजबुल्लाह संगठन ने अब इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है। इस हमले के साथ ही हिजबुल्लाह की शीर्ष नेतृत्व टीम पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। नसरल्लाह की मौत को हिजबुल्लाह के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि उनके नेतृत्व में संगठन ने पिछले तीन दशकों में अपने प्रभाव को काफी बढ़ाया था।
इजराइल के बड़े दुश्मनों का अंत
पिछले दो महीनों में इजराइल ने अपने दो सबसे बड़े दुश्मनों का सफाया कर दिया है। 31 जुलाई को तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत हुई थी और अब 27 सितंबर को बेरूत में हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह को मार दिया गया। इजराइल के लिए यह एक महत्वपूर्ण सामरिक जीत मानी जा रही है।
हिजबुल्लाह ने नसरल्लाह की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि संगठन अब इस मुश्किल दौर का सामना करने के लिए तैयार है। इस्लामिक दुनिया में नसरल्लाह को शिया समुदाय के एक प्रमुख नेता और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के करीबी के रूप में देखा जाता था। आखिरी बार नसरल्लाह 19 सितंबर को सार्वजनिक रूप से सामने आए थे, जब उन्होंने लेबनान में हुए धमाकों के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार दिया था।
हमास और हिजबुल्लाह की कमर टूट चुकी
हिजबुल्लाह की पूरी शीर्ष नेतृत्व टीम अब समाप्त हो चुकी है, जिससे संगठन की शक्ति पर बड़ा आघात पड़ा है। इसके साथ ही, जुलाई में हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत ने हमास संगठन को भी कमजोर कर दिया है। हानिया की मौत के बाद याह्या सिनवार को संगठन की बागडोर सौंपी गई थी, लेकिन फिलहाल उनका भी कोई अता-पता नहीं है। इजराइल की खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या सिनवार भी इजराइली हमले में मारे गए हैं।
क्या इजराइल ने जंग जीत ली?
इजराइल के ये हमले यह संकेत देते हैं कि मध्य पूर्व में चल रहे इस संघर्ष में उसकी महत्वपूर्ण जीत हो रही है। हमास और हिजबुल्लाह जैसे संगठन, जो इजराइल के खिलाफ लंबे समय से संघर्षरत थे, अब अपने शीर्ष नेताओं को खो चुके हैं। इजराइल के लिए यह स्थिति निर्णायक मानी जा रही है, क्योंकि इन संगठनों के फिर से संगठित होने की संभावना कम हो गई है।
नेतन्याहू का दावा – जीत हमारी
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपनी स्पीच के दौरान इस जीत का दावा किया था। उन्होंने कहा, “हम जीत रहे हैं। हमारा देश शांति चाहता है और हम इसे स्थापित करके रहेंगे।” स्पीच के कुछ ही समय बाद बेरूत में हुआ यह हमला, जिसमें नसरल्लाह की मौत हुई, इजराइल की रणनीति की सफलता को दर्शाता है।
ईरान की भूमिका पर नेतन्याहू की चेतावनी
नेतन्याहू ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि इजराइल पर हमले के लिए ईरान जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि हमास और हिजबुल्लाह के साथ ही यमन के हूती विद्रोही और ईरान समर्थित शिया मिलिशिया इजराइल पर हमले कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान को यह समझ लेना चाहिए कि अगर वह इजराइल पर हमला करेगा, तो इजराइल भी ईरान पर जवाबी हमला करेगा। नेतन्याहू ने कहा, “ईरान में कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां इजराइल पहुंच न सके। यह पूरे मध्य पूर्व के लिए सच है।”