Thursday, June 19, 2025
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विधायक के बैंक खाते से साइबर ठगी: पासबुक में एंट्री के दौरान हुआ खुलासा, 17 दिन में दो बार खाते से निकले पैसे

चूरू, राजस्थान: चुरू की सादुलपुर(राजगढ़) सीट से विधायक मनोज कुमार न्यांगली के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया है। 21 अगस्त 2024 को जब विधायक अपनी पासबुक में एंट्री करवाने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की जयपुर स्थित ज्योति नगर ब्रांच में पहुंचे, तो उन्हें उनके खाते से हुई अवैध निकासी का पता चला। विधायक ने जब बैंक की पासबुक में ट्रांजैक्शन की जांच की, तो पाया कि उनके खाते से दो बार कुल ₹90,000 की राशि निकाली गई है। इसके बाद, विधायक ने जयपुर के ज्योति नगर थाने में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ साइबर ठगी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।

विधायक की शिकायत पर पुलिस ने दर्ज किया मामला

एएसआई उदयवीर सिंह के अनुसार, विधायक मनोज कुमार ने साइबर ठगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त और 20 अगस्त को उनके खाते से अवैध ट्रांजैक्शन किए गए थे, जिसमें लगभग ₹90,000 की राशि निकाली गई। पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी है। बैंक से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट हुआ है कि राशि को दूसरे खातों में ट्रांसफर किया गया है। पुलिस अब उन खातों की भी जांच कर रही है जिनमें यह राशि ट्रांसफर की गई है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

मनोज कुमार न्यांगली ने 2023 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर सादुलपुर सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस की उम्मीदवार कृष्णा पूनिया को 2,475 वोटों से हराया था। चुनाव जीतने के चार महीने बाद, अप्रैल 2024 में, मनोज न्यांगली ने बसपा विधायक जसवंत सिंह गुर्जर के साथ शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल होने का निर्णय लिया। यह कदम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में उठाया गया था।

साइबर ठगी: बढ़ते खतरों की पहचान

साइबर ठगी के बढ़ते मामलों ने आम नागरिकों के साथ-साथ सार्वजनिक व्यक्तियों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को फंसाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख तरीकों में शामिल हैं:

  1. एसएमएस द्वारा केवाईसी और अन्य लालच देकर फ्रॉड: साइबर ठग यूजर्स को पर्सनल लोन, KYC अपडेट, बैंक ऑफर, या गिफ्ट वाउचर के लालच में फंसाते हैं। एसएमएस के माध्यम से भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही यूजर्स के फोन में वायरस या हानिकारक ऐप इंस्टॉल हो जाती है, जो बैंक अकाउंट और अन्य संवेदनशील जानकारी को चुरा सकती है।
  2. कस्टमर केयर के नाम पर ठगी: साइबर अपराधी फर्जी कस्टमर सपोर्ट नंबर इंटरनेट पर डाल देते हैं। जब यूजर्स इन नंबरों पर कॉल करते हैं, तो अपराधी उनकी पर्सनल डिटेल लेकर ठगी को अंजाम देते हैं। विशेष रूप से डिजिटल पेमेंट एप्लिकेशन जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm के लिए ये नंबर सबसे ज्यादा फर्जी होते हैं।

साइबर ठगी होने पर क्या करें?

यदि आप साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत कार्रवाई करना आवश्यक है:

  1. ऑनलाइन शिकायत: सबसे पहले, cybercrime.gov.in पोर्टल पर लॉग-इन कर शिकायत दर्ज करें।
  2. टोल फ्री नंबर पर सूचना दें: टोल फ्री नंबर 1930 पर भी इस घटना की सूचना दें।
  3. थाने में रिपोर्ट दर्ज: टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराने के बाद, तुरंत संबंधित थाने पर पहुंचें और अपनी शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की संभावना होती है, जिससे ठगी की गई राशि को रिकवर करने में मदद मिल सकती है।
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