झुंझुनू: कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई दर्दनाक घटना के विरोध में झुंझुनू के राजकीय बीडीके अस्पताल के चिकित्सकों ने एकजुट होकर कड़ा विरोध प्रदर्शन किया। शुक्रवार को अस्पताल के 73 डॉक्टरों और 42 रेजिडेंट्स ने एक घंटे का कार्य बहिष्कार करते हुए काली पट्टी बांधकर नारेबाजी की।
चिकित्सकों ने पीड़ित डॉक्टर को त्वरित न्याय दिलाने और चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने की मांग की। अरिसदा अध्यक्ष डॉ. एस ए जब्बार ने कहा, “बेटियां पढ़-लिखकर समाज सेवा कर रही हैं, ऐसे में उनके साथ होने वाली ऐसी घटनाएं बेहद दुखद हैं।” उन्होंने कहा कि चिकित्सा कर्मियों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे सभी चिंतित हैं।
अरिसदा उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र भाम्बू ने सरकार से देशभर में चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बंगाल में हुई घटना की पुनरावृत्ति रोकी जानी चाहिए।
विरोध प्रदर्शन में डॉ. राजेंद्र ढाका, राजवीर राव, विजय झाझड़िया, वीरसिंह, संजय, मनीषा, मधु, आकांक्षा, सिल्विया, भूमिका, श्रीराम, संदीप, दुष्यंत, अरुण, रामस्वरूप, नवनीत, अजय, जावेद, प्यारेलाल, सुनील, श्यामलाल, राजेंद्र, जगदेव, नरेंद्र, कपिल सिहाग, नेमीचन्द, अपराजिता, स्वाति, अशोक सैनी, रघुवीर, कमल, सुमन सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे। हालांकि, इस दौरान अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं लगातार जारी रहीं।