चिड़ावा: चिड़ावा-सिंघाना सड़क मार्ग पर बस स्टैण्ड लालचौक पर नहर की मांग को लेकर किसानों का धरना आज 209वें दिन भी किसान सभा के बैनर तले जारी रहा। इस धरने की अध्यक्षता किसान सभा की महिला विंग की कमांडर सुनिता ने की।
आज धरने पर शाहपुर गांव से 87 वर्षीय बुजुर्ग महिला भागिरथी देवी पहुंची, जो पानी की गंभीरता को लेकर गांव में नहर के लिए धरने का जिक्र सुनकर आई थीं। उन्होंने बताया कि उनका एकमात्र बेटा गुजर चुका है और पोतों का भार उनके वृद्ध कंधों पर है। सिंचाई के बिना खेती उजड़ी पड़ी है और बरसात भी नहीं होती। उनकी शिक्षा, शादी, और सभी प्रकार के खर्च का बोझ भी उनके ऊपर है। काम-धंधा बंद है और उनकी उम्र काम करने की नहीं है। अगर सरकार उनके क्षेत्र में नहर दे दे, तो खेतों में अनाज होगा और वे साधन संपन्न हो सकेंगे।
भागीरथी देवी ने कहा, “हम दिशाविहीन खड़े हैं कि कब ईश्वर की अच्छी नजर हम पर पड़े। हमारी समस्या यह नहीं है कि ये अंधी, बहरी, गूंगी सरकार हमें मुफ्त में कुछ दे। हमें नहर चाहिए ताकि हम खेतों में मेहनत कर सकें और अपना पेट भर सकें। परंतु सरकार हमारी सुनती नहीं है। पशु नहीं रहे, खेती उजड़ रही है, अनाज नहीं है, काम-धंधा नहीं है, नहा नहीं पा रहे हैं और प्यासे मर रहे हैं।”
भागीरथी देवी ने बताया कि पीने के लिए पानी के टैंकर का नंबर दस दिन में आता है और इसके लिए 600-1000 रुपये भी देने पड़ते हैं। पानी का ब्लेक हुआ है इस साल और अगले साल स्थिति और भी बुरी होगी। उन्होंने कहा, “ये आंख्या को भी पाणी सांपडगो है, कठै जांवां, किनै खंवां, के करां ?” यह स्थिति पूरे क्षेत्र में है और लोग दस साल से दुखी हैं।
धरने पर किसान सभा के तहसील अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष महेश चाहर, नहर आंदोलन प्रवक्ता विजेन्द्र शास्त्री, ताराचंद तानाण, सुनिता बेनिवाल, मधु पुहानियां, नौजवान सभा के जयन्त चौधरी, सौरभ सैनी, सत्तुभाई, करण कटारिया, नितेश, मनोज, ममता सिरसला, हेमलता, अनुप्रिया, मुकेश, प्रदीप, महेंद्र, उमराव तानाण, आदित्य, अनुज, जयसिंह, जयदयाल, दीपचंद, ईश्वर, बनवारी, रामकुमार, ओमप्रकाश, महेंद्र, राजेश, अमित, कुरड़ाराम, नेतराम, कृष्ण, हरिसिंह, नवीन, सुरेश, महेंद्र सांई, हेमसिंह, राजवीर, अनिल आदि उपस्थित रहे।