झारखंड, 28 शुक्रवार 2024: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जिन्हें जनवरी में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था, को उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोरेन पर कई करोड़ रुपये की जमीन के फर्जी लेनदेन और जाली दस्तावेजों के माध्यम से हेरफेर करने का आरोप लगाया था।
गिरफ्तारी और इस्तीफा
हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। सोरेन की गिरफ्तारी के बाद, झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन ने मुख्यमंत्री का पद संभाला।
आरोप और प्रत्यारोप
सोरेन के अधिवक्ताओं ने अदालत में तर्क दिया कि हेमंत सोरेन पर वर्ष 2009-10 में जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया था, लेकिन इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं थी। अप्रैल 2023 में ईडी ने मामले में कार्यवाही शुरू की और कुछ लोगों के मौखिक बयान के आधार पर दावा किया कि जमीन हेमंत सोरेन की है। अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि ईडी के पास कोई ठोस सबूत नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि सोरेन ने जमीन पर कब, कहां और कैसे कब्जा किया। उनके अनुसार, यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध का है।
ईडी का पक्ष
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत में कहा कि बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा है। राजू ने कहा कि भले ही जमीन के कागजात में सोरेन का नाम नहीं है, लेकिन अवैध कब्जा पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत अपराध है। उन्होंने यह भी बताया कि सोरेन इस जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की योजना बना रहे थे और इसका नक्शा उनके करीबी विनोद सिंह ने उनके मोबाइल पर भेजा था। राजू ने यह भी कहा कि सोरेन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्होंने राज्य तंत्र का दुरुपयोग कर खुद को बचाने के प्रयास किए। उन्हें जमानत दी जाती है तो वे जांच को बाधित कर सकते हैं।