पिलानी/ नई दिल्ली : सीरी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित हैंड-हेल्ड आईओटी- सक्षम फील्ड-तैनाती योग्य जल परीक्षण किट और हीमोग्लोबिन मापने की हैंड-हेल्ड न्यूनतम इनवेसिव प्रणाली की तकनीकी जानकारी का हस्तांतरण मेसर्स प्लास्टी सर्ज इंडस्ट्रीज प्रा. लिमिटेड, अमरावती, महाराष्ट्र को किया गया। इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह और डॉ. (श्रीमती) एन कलैसेल्वी, सचिव, डीएसआईआर एवं महानिदेशक, सीएसआईआर, भी उपस्थित थे।
“सीएसआईआर – एक सप्ताह, एक थीम” कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर सोमवार, 24 जून को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण किया गया। इस मौके पर डॉ. पीसी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने मैसर्स प्लास्टी सर्ज इंडस्ट्रीज प्रा. लिमिटेड के अधिकारियों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) का आदान-प्रदान किया। कार्यक्रम में सीएसआईआर-सीईईआरआई के प्रौद्योगिकी और व्यवसाय विकास समूह प्रमुख डॉ. मनीष मैथ्यू भी मौजूद रहे।

सीरी पिलानी निदेशक डॉ पंचारिया ने कहा कि सीएसआईआर-सीरी का यह प्रयास न केवल भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देगा, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित करेगा। उन्होंने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि यह तकनीकी हस्तांतरण सीएसआईआर प्रयोगशालाओं की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह वैज्ञानिक नवाचार से आम लोगों को लाभान्वित करने के लिए इसे वास्तविक धरातल पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे न केवल औद्योगिक क्षेत्र को लाभ होगा, बल्कि आम जनता को भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं और जल सुरक्षा मिलेगी।
आपको बता दें कि ये दोनों उपकरण अपने क्षेत्रों में क्रांतिकारी साबित हो सकते हैं। हैंड-हेल्ड आईओटी-सक्षम फील्ड-तैनाती योग्य जल परीक्षण किट से पानी की गुणवत्ता का त्वरित और सटीक परीक्षण संभव होगा, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगा। वहीं हैंड-हेल्ड मिनिमल इनवेसिव हीमोग्लोबिन मापने की प्रणाली रक्त की जांच को और अधिक सुविधाजनक और दर्द रहित बनाएगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। यह भी गौरतलब है कि इस तकनीकी हस्तांतरण से वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और उद्योग और अनुसंधान जगत के बीच सहयोग को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा।