पीएम नरेंद्र मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे से ठीक पहले कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को सोशल मीडिया और फोन कॉल के जरिए पाकिस्तान स्थित समूहों से धमकियां मिली हैं. कई कर्मचारियों के नाम और फोन नंबर ऑनलाइन लीक हो गए हैं. इनमें से कई को पाकिस्तानी फोन नंबरों से जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं.
धमकियों, पोस्टरों और कर्मचारियों के विवरण को कश्मीरी पंडित कार्यकर्ता और कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिकू की ओर से सामने लाया गया है. उन्होंने आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को चुनौती देते हुए दावा किया कि स्थानीय लोगों के साथ-साथ सरकार भी खतरे को गंभीरता से नहीं ले रही है.
कौन नहीं चाहता वापस लौटें कश्मीरी पंडित?
संजय टिकू ने कहा कि पहले कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के विवरण के साथ एक धमकी भरा पोस्टर प्रसारित किया जाता है, फिर कश्मीर छोड़ने की धमकी के साथ सीधे मोबाइल पर एक वॉयस नोट भेजा जाता है और भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां दावा कर रही हैं कि सब कुछ नियंत्रण में है.
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग नहीं चाहते कि हम वापस लौटें और भारत सरकार हमारी रक्षा करने में विफल हो रही है. यह मामला कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) ने अपने आधिकारिक हैंडल के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था.
First a trhreat poster with details of KP employees is circulated then a voice note from is directly sent on cell with a threat to leave Kashmir and GoI & Security Agencies are claiming “everything is under contol”. Locals dont want us to return and GoI is failing to protect us. pic.twitter.com/q51SrMJxRP
— KPSS (@KPSSamiti) February 19, 2024
कश्मीर फाइट की ओर से जारी होती रही हैं धमकियां
गौरतलब है कि 7 फरवरी को श्रीनगर में प्रवासी मजदूरों पर हमले के बाद धमकी भरे पोस्टर सामने आए थे, जिसमें जम्मू-कश्मीर सरकार के कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को कश्मीर छोड़ने या मौत का सामना करने के लिए कहा गया था. सोशल मीडिया हैंडल पर आतंकवादी मुखपत्र ब्लॉग – कश्मीर फाइट की ओर से धमकियां जारी की जा रही हैं, जो पहले भी ऐसी कई मामलों में शामिल रहा है.
जान से मारने की मिल रही धमकियां
पिछले सप्ताह सामने आए धमकी भरे पोस्टरों में कई कर्मचारियों के नाम और फोन नंबर थे और कुछ कर्मचारियों को पाकिस्तानी नंबरों से फोन पर जान से मारने की धमकी भी मिली थी. एक कर्मचारी जिसका नाम फोन करने वाला विक्की बता रहा है और जिसकी रिकॉर्डिंग एबीपी न्यूज के पास है. उसे धमकी दी जा रही है कि चले जाओ या जान से मार डाले जाओगे.
यह कॉल पाकिस्तानी नंबर से की गई थी, जिसमें एक हथियारबंद व्यक्ति की डीपी थी और उसका लहजा ठेठ पंजाबी था. हालांकि, स्थानीय कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को डर है कि नाम और फोन नंबर विभागीय समूह से कॉपी किए गए प्रतीत होते हैं, जिसका वे सभी हिस्सा हैं।
किन लोगों के फोन नंबर हुए लीक?
एक कर्मचारी ने कहा कि जो नाम लीक हुए हैं, वे सभी जम्मू-कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के कर्मचारी हैं. ये सभी प्रतिनियुक्ति पर हैं और श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जोनल पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं.
जम्मू-कश्मीर पुलिस नए खतरों के बारे में चुप्पी साधे हुए है. हालांकि उन समूहों और क्षेत्रों में सुरक्षा पहले से ही बढ़ा दी गई है, जहां कश्मीरी पंडितों और गैर-स्थानीय हिंदुओं की एक बड़ी आबादी रहती है.
कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति एक ऐसा संगठन है जो मुख्य रूप से उन निवासी कश्मीरी पंडितों/हिंदुओं की चिंताओं को संबोधित करता है जो घाटी में ही रह गए थे और 1990 में पलायन नहीं किया था.