कोलकाता, 22 अप्रैल 2024: कोलकाता हाईकोर्ट ने सोमवार को एक बड़े फैसले में 2016 में हुई पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल 24 हजार शिक्षकों को अवैध रूप से नियुक्त घोषित करते हुए, उनसे 7-8 साल के दौरान ली गई वेतन राशि वापस करने का आदेश दिया है।
यह फैसला जस्टिस देवांग्शु बसाक और जस्टिस शब्बर रशीदी की बेंच ने सुनाया।
हालांकि, इस फैसले में कैंसर पीड़ित सोमा दास को राहत दी गई है। हाईकोर्ट ने कहा कि उनकी नौकरी बनी रहेगी।
ममता बनर्जी ने फैसले पर जताई आपत्ति
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे “गैरकानूनी” बताया है और कहा कि राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
उन्होंने कहा, “यह फैसला उन 24 हजार शिक्षकों और उनके परिवारों के साथ अन्याय है। हम उन लोगों के साथ खड़े हैं जिनकी नौकरियां चली गई हैं। भाजपा नेता न्यायपालिका के फैसलों को प्रभावित कर रहे हैं।”
भर्ती घोटाले में कई आरोपी
इस शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगे थे। आरोप है कि 5 से 15 लाख रुपए तक की घूस देकर नौकरियां हासिल की गई थीं।
इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में कई शिकायतें भी मिली थीं।
CBI जांच जारी
हाईकोर्ट ने इस मामले में CBI जांच के आदेश दिए थे। CBI ने इस मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी मॉडल अर्पिता मुखर्जी और SSC के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया गया था।
अर्पिता मुखर्जी से 50 करोड़ रुपए कैश और ज्वेलरी बरामद
ED ने 22 जुलाई 2022 को पार्थ चटर्जी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान मॉडल अर्पिता मुखर्जी के घर से 50 करोड़ रुपए कैश और करोड़ों की ज्वेलरी बरामद हुई थी।
क्या था मामला?
पश्चिम बंगाल सरकार ने 2014 में WBSSC के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भर्ती की थी। इस भर्ती प्रक्रिया में 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया था।
आरोप है कि मेरिट लिस्ट में शामिल कई उम्मीदवारों ने कम अंक प्राप्त करने के बावजूद नौकरी हासिल कर ली थी। इसके अलावा, कुछ ऐसे उम्मीदवारों को भी नौकरी दी गई थी जिन्होंने TET परीक्षा पास नहीं की थी।
आगे क्या होगा?
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब इस मामले में आगे क्या होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। यह देखना बाकी है कि क्या ममता बनर्जी सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करती है या नहीं।
इसके अलावा, CBI इस मामले में अपनी जांच जारी रखेगी और इस घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।