नई दिल्ली: सत्तारूढ़ एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने मंगलवार, 27 अगस्त को राज्यसभा में बहुमत हासिल कर लिया है। राज्यसभा के आगामी उपचुनावों से पहले ही बीजेपी के 9 और उसके सहयोगी दलों के 2 सदस्य निर्विरोध चुने गए हैं, जिससे एनडीए की ताकत अब 112 सदस्यों तक पहुंच गई है।
राज्यसभा में एनडीए की बढ़ी ताकत
बीजेपी के 9 नए सदस्यों के जुड़ने से राज्यसभा में बीजेपी की कुल संख्या अब 96 हो गई है। एनडीए के सहयोगी दलों से भी 2 सदस्य निर्विरोध चुने गए हैं, जिनमें एनसीपी के अजित पवार गुट से नितिन पाटिल और राष्ट्रीय लोक मंच के उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं। इसके साथ ही एनडीए को छह मनोनीत और एक स्वतंत्र सदस्य का भी समर्थन प्राप्त है।
राज्यसभा में बहुमत का नया समीकरण
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं, जिनमें से 8 सीटें वर्तमान में रिक्त हैं। इनमें चार सीटें जम्मू-कश्मीर की और चार सीटें मनोनीत सदस्यों के लिए हैं। इस प्रकार, सदन की वर्तमान संख्या 237 है, और बहुमत का आंकड़ा 119 पर स्थित है। एनडीए के 112 सदस्यों के साथ, अब बहुमत के लिए केवल 7 और सदस्यों की आवश्यकता है, जिसे एनडीए अन्य समर्थक दलों के साथ मिलकर आसानी से पूरा कर सकता है।
निर्विरोध चुने गए बीजेपी के 9 उम्मीदवार
बीजेपी के 9 उम्मीदवारों ने राज्यसभा उपचुनाव से पहले ही निर्विरोध जीत दर्ज की है। इनमें असम से मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धिर्य शील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू, और त्रिपुरा से भट्टाचार्जी शामिल हैं।
कांग्रेस और एनसीपी की भी जीत
तेलंगाना से कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी भी निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। इसके अलावा, एनसीपी के अजित पवार गुट से नितिन पाटिल महाराष्ट्र से निर्विरोध चुने गए हैं।
एनडीए के लिए विधायी प्रक्रिया में सहूलियत
एनडीए के राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के साथ ही विवादास्पद विधेयकों को पारित करना अब सरकार के लिए आसान हो जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में इंडिया गठबंधन की मजबूत मौजूदगी के कारण कई महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में अटके रहे हैं। लेकिन अब, एनडीए के बढ़ते प्रभाव के साथ, सरकार के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है।