जयपुर: राजस्थान सरकार ने राज्य के वर्तमान और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को राहत देते हुए राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) के अंतर्गत निजी अस्पतालों में उपचार जारी रखने का फैसला किया है। यह निर्णय सोमवार को सचिवालय में हुई एक अहम बैठक में लिया गया, जिसमें प्रमुख सचिव स्वास्थ्य गायत्री राठौर और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इससे पहले राजस्थान एलायंस हॉस्पिटल एसोसिएशन ने भुगतान में देरी और लंबित राशि के चलते आरजीएचएस सेवाओं को बंद करने की घोषणा की थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी बकाया भुगतान शीघ्र किए जाने के आश्वासन के बाद संगठन ने यह निर्णय वापस ले लिया।
बैठक के दौरान संगठन के सदस्यों सर्वेश जोशी, शिवराज सिंह राठौर सहित अन्य प्रतिनिधियों ने प्रमुख सचिव के समक्ष अपनी मांगें रखीं। जवाब में गायत्री राठौर ने कहा कि 31 मार्च 2025 तक के सभी लंबित दावों का भुगतान 31 जुलाई तक कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, भविष्य में प्रस्तुत किए गए दावों का निपटान 60 दिनों के भीतर किया जाएगा।
दावा प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और तेज बनाने के उद्देश्य से अब थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (TPA) की संख्या एक से बढ़ाकर चार की जाएगी। वर्तमान में केवल एक TPA होने के कारण अनुमोदन और भुगतान प्रक्रिया में अक्सर देरी होती है, जिससे मरीजों को परेशानी होती है। अब इस व्यवस्था को सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
राजस्थान सरकार की इस पहल से लाखों कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। निजी अस्पतालों में सेवाएं जारी रहने से लाभार्थियों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सकेगा। साथ ही इस निर्णय से राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की सुलभता और पारदर्शिता में भी इजाफा होगा।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए इन सुधारों को सरकारी कर्मचारी संगठनों और चिकित्सा संस्थानों ने सकारात्मक पहल बताया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, आने वाले समय में आरजीएचएस पोर्टल और प्रक्रिया को और अधिक सरल एवं जवाबदेह बनाया जाएगा।