राजस्थान में इन दिनों भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। तपती धूप और हीट वेव की मार से प्रदेशवासी त्रस्त हैं। इस बीच, राज्य में बिजली और पानी की समस्या भी विकराल रूप ले चुकी है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने खुद मैदान में उतरकर इस समस्या का समाधान करने का बीड़ा उठाया है।
मुख्यमंत्री का दौरा और निर्देश
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज रामनिवास बाग स्थित पंप हाउस का दौरा कर पानी वितरण की व्यवस्था का जायजा लिया। उनके साथ विधायक जीतेन्द्र गोठवाल भी मौजूद थे। इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि पानी की सप्लाई में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जयपुर के जवाहर सर्किल पंप हाउस का भी निरीक्षण किया और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ख़ुद उतरे मैदान में !
— Santosh kumar Pandey (@PandeyKumar313) May 29, 2024
राजस्थान के मुख्यमंत्री @BhajanlalBjp रामनिवास बाग़ पर पंप हाउस में पानी वितरण व्यवस्था को देखने खुद पहुंचे. चीफ मिनिस्टर को फील्ड में उतरना ही पड़ा. pic.twitter.com/7G462Zh4NF
विपक्ष का प्रहार और सरकार की पहल
बिजली और पानी की समस्या को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है। मंत्री भी औचक निरीक्षण कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। बिजली कटौती और पानी की कमी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने खुद कमान संभाल ली है। पीएचईडी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी के बयान के बाद सरकार बैकफुट पर आ गई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद इस मुद्दे को सुलझाने की जिम्मेदारी ली।
पक्षियों के लिए परिंडे बांधे
तीन दिन पहले मुख्यमंत्री ने जयपुर के एक पार्क में पक्षियों के लिए पानी के परिंडे बांधे और स्टैच्यू सर्किल पर पक्षियों को चुग्गा भी डाला। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण प्रदेश हीट वेव की रेड अलर्ट श्रेणी में आ गया है और सरकार प्रदेशवासियों को गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
24 घंटे मॉनिटरिंग और अवकाश निरस्त
बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए विद्युत, पीएचईडी एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री की बड़ी पहल
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बड़ी पहल करते हुए, स्वयं पानी की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करना शुरू किया है। जहां पहले मंत्री बयानबाजी में व्यस्त थे, वहीं अब मुख्यमंत्री ने खुद कमान संभालकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की कोशिश की है।