म्यान्मार: म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। म्यांमार में इस भूकंप में 694 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 1,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं। थाईलैंड में भी 10 लोगों की जान चली गई है।
म्यांमार में घोषित हुआ आपातकाल
म्यांमार की सरकार ने इस भयंकर आपदा के बाद देश में आपातकाल लागू कर दिया है। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई।

भारत समेत पांच देशों में महसूस हुए झटके
म्यांमार के अलावा भारत, थाईलैंड, चीन और नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। शनिवार को अफगानिस्तान में भी 4.7 तीव्रता के भूकंप के झटके दर्ज किए गए।
USGS का अनुमान: 1000 से अधिक की मौत संभव
यूएसजीएस ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है। अस्पतालों में खून की भारी कमी हो गई है और घायलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार के मुताबिक, पांच शहरों और कई कस्बों में इमारतें गिर गई हैं और दो प्रमुख पुल भी ध्वस्त हो चुके हैं।
मंडाले और नेपिटॉ में भारी तबाही
भूकंप का सबसे अधिक प्रभाव म्यांमार के मंडाले और नेपिटॉ में देखा गया है। नेपिटॉ में 90 से अधिक लोगों की मौत हुई है। मंडाले में एक प्रमुख मठ भी पूरी तरह ढह गया। सरकारी कर्मचारी आवासों सहित कई इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं।
भारत ने भेजी राहत सामग्री
भारत ने मानवीय सहायता के तहत म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि भारतीय वायुसेना के सी-130जे विमान द्वारा राहत सामग्री भेजी गई, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, भोजन, पानी शुद्ध करने वाली किट, हाइजीन किट, सोलर लैंप और दवाइयां शामिल हैं।
खून की कमी और राहत की आवश्यकता
म्यांमार सरकार ने बताया है कि अस्पतालों में खून की भारी किल्लत है। कई घायलों को उचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। इस आपदा से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि जारी की है। चीन और रूस ने भी बचाव दल भेजे हैं।

थाईलैंड में भी भारी नुकसान
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी भूकंप का असर दिखा। 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई और 16 लोग घायल हो गए। 101 लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिया है।