लोकसभा चुनाव: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन के अनुबंध पर अपनी राय दी है। उन्होंने गतिमान बयान में कहा कि दिल्ली ने दक्षिण कश्मीर को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। इसलिए, महबूबा मुफ्ती ने फैसला लिया है कि वे अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से आगामी लोकसभा चुनाव में उतरेंगी।
उम्मीदवारों की घोषणा की, जानिए डिटेल्स
पीडीपी संसदीय बोर्ड ने आज कश्मीर के तीन संसदीय क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिससे नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाएं समाप्त हो गईं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती खुद अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उतरेंगी। साथ ही, पार्टी के युवा अध्यक्ष वहीद-उर-रहमान पारा भी इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे।
महबूबा मुफ्ती का बयान
महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “हम कश्मीर की सभी तीन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और जम्मू में कांग्रेस का समर्थन करेंगे। भारत गठबंधन का समर्थन उस पार्टी के लिए है जिसने जम्मू-कश्मीर के लोगों का समर्थन करने की इच्छा दिखाई है।”
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस मेरा समर्थन करे या न करे, मैं अपने लोगों और कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा करती हूं। हमारा घोषणापत्र पिछले पांच सालों में किए गए सभी कामों को पूरा करने के लिए है। मैंने चुनाव लड़ने की चुनौती स्वीकार की है।”
भाजपा पर आरोप
महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर भी आरोप लगाया कि वे कश्मीरी असली आवाजों को संसद से दूर रखने के लिए सभी से मिल रही हैं।
अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र में महबूबा मुफ्ती को नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुज्जर नेता मियां अल्ताफ और डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद से कड़ी चुनौती मिलेगी।
अधिक उम्मीदवार
श्रीनगर-पुलवामा निर्वाचन क्षेत्र में, तथा पूर्व राज्यसभा सदस्य फैयाज मीर बारामुल्ला भी पीडीपी के उम्मीदवार होंगे।
समाज में इस घोषणा को विभाजित प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। जहां एक ओर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच इस चुनाव से जुड़े अनुबंध को लेकर तनाव बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर भाजपा और कांग्रेस के बीच भी राजनीतिक उत्पीड़न देखने को मिल रहा है।
इस विवाद के बीच, चुनावी मैदान में अनंतनाग-राजौरी सीट पर होने वाले चुनाव में दो बड़ी राजनीतिक दलों के बीच गहरी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है।